– साध्वीश्री कैवल्यप्रियाश्री आदि ठाणा-2 का हुआ मंगल विहार

– सकल संघ ने हर्ष और उल्लास के साथ दी विदाई, धर्म-आराधना का लिया गुरूमंत्र

बाड़मेर। परम पूज्य अचलगच्छ नायक, आचार्य भगवन्त श्री कलाप्रभसागर सूरीश्वर महाराज साहब की आज्ञानुवर्ती तपज्योति परम् पूज्य साध्वीश्री कैवल्यप्रियाश्री व जिनप्रियाश्री महाराज साहिब का बाड़मेर चातुर्मास पूर्णाहूति के बाद रविवार को श्री गुणसागर सूरी साधना भवन से रामजी का गोल के लिए मंगल विहार प्रारम्भ हुआ ।

अचलगच्छ जैन युवक परिषद, बाड़मेर के अध्यक्ष मुकेश बोहरा अमन ने बताया कि तपज्योति, सरल स्वभावी साध्वीश्री कैवल्यप्रियाश्री व जिनप्रियाश्री महाराज साहिब आदि ठाणा-2 का रविवार को बाड़मेर नगर से रामजी का गोल की ओर मंगल विहार प्रारम्भ हुआ । अमन ने बताया कि बाड़मेर अचलगच्छ संघ चातुर्मास पूर्णाहुति उपरान्त रविवार को साध्वीद्व को सकल संघ ने गाजे-बाजे के साथ श्री आर्य गुण गुरूकृपा जैन तीर्थ रामजी का गोल के लिए विदा किया । इस अवसर पर अचलगच्छ संघ, बाड़मेर की ओर से साध्वीद्व को कोम्बली भेंट की गई । तथा सकल संघ की ओर से संघ अध्यक्ष सम्पतराज वड़ेरा ने मिच्छामि दुग्गडम् करते हुए क्षमा याचना की ।

साध्वीश्री कैवल्यप्रियाश्री ने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव, आना-जाना जैसे पल आते जाते रहते है । हमें अधिक से अधिक धर्म-आराधना करने के प्रति समर्पित होने की जरूरत है । साध्वीश्री ने भी चातुर्मास के दौरान जाने-अनजाने में हुई धर्म-विराधना अथवा भूलों के लिए सकल संघ से मिच्छामि दुग्गडम् किया ।

साध्वी भगवन्तों के विहार के दौरान अचलगच्छ जैनश्री संघ, बाड़मेर के ट्रस्टीगण, श्री आर्य गुण गुरूकृपा जैन तीर्थ रामजी का गोल, अचलगच्छ जैन युवक परिषद, चिन्तामणि पाश्र्व बहृ मण्डल, समयश्री बालिका मण्डल, चिन्तामणि समर्पित ग्रुप के पदाधिकारी व सदस्यों सहित समाज के गणमान्य नागरिक, माताएं-बहिनें उपस्थित रही ।