दो दिवसीय उद्यम समागम कार्यक्रम का हुआ समापन

बीकानेर, 29 फरवरी। ऊर्जा एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला ने कहा कि राज्य की नई उद्योग नीति में उद्यमियांे को बहुत सी सहूलियत दी गई। इस्पेंटर राज को समाप्त कर दिया है। अब नए उद्योग लगाने के लिए तीन वर्ष तक लाईसंेस लेने की जरूरत नहीं रहेगी।
डा. कल्ला शनिवार को सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार की सहायता से राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने, केन्द्र एवं राज्य की औद्योगिक विकास योजनाओं की जानकारी उद्यमियों को उपलब्ध कराने तथा स्थानीय स्तर पर उद्यमियों से सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य को लेकर ग्रामीण हाट में आयोजित दो दिवसीय उद्यम समागम कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने उद्योग लगाने का सरलीकरण किया है। अगर कोई भी व्यक्ति उद्योग लगाना चाहता है, तीन साल तक उसे लाईसेंस लेने की जरूरत नहीं पडे़गी। उन्हांेंने कहा कि उद्योग लगाने पर जितनी बंदिशें लगाई जायेगी, उद्योग उतना ही कमजोर गति से पनपेगा।

इसलिए मुख्यमंत्री ने सब लोगों की राय से तीन वर्ष तक उद्यमी को बहुत सी छूट प्रदान की है, जिसमें लाईसेंस की जरूरत नहीं है। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार ने सोलर एनर्जी व विण्ड एनर्जी पाॅलिसी को भी लांच किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सोलर एनर्जी का काम करना चाहता है, उसे जमीन आधी कीमत पर, पंजीकरण शुक्ल माफ तथा उसके बाद कोई व्यक्ति सीलिंग की जमीन पर काम करना चाहता है तो सीलिंग से मुक्ति और दस साल तक उसे इलेक्ट्रिीसिटी ड्यूटी फ्री रहेगी। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी का जो उत्पादन करेगा, उसकी इलेक्ट्रिीसिटी माफ रहेगी।
डाॅ.कल्ला ने राज्य के उद्यमियों का आव्हान किया कि आप जागो और उद्योग लगाए। रोजगार देने में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सोर ऊर्जा की विपुलता को देखते हुए दुनिया के लोग यहां आ रहे हैं। अडानी भडला में लगभग 3 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन सोर ऊर्जा से कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पहले एक मेगावाट का सोलर प्लान्ट लगाता था, उसे करीब साढे आठ करोड़ रूपये खर्च करने पड़ते थे। लेकिन वर्तमान में चाईनिज टेक्नोलाॅजी से इतने ही मेगावट के लिए साढे चार करोड़ रूपये तथा कोरिया की टेक्नोलाॅजी पर आधारित प्लांट पर ढ़ाई से तीन करोड़ रूपये खर्च करने पड़ रहे है। उन्होंने बीकानेर में उद्योगिक विकास की चर्चा करतेे हुए कहा कि पूर्व उद्योगमंत्री भीमसेन चैधरी के प्रयासों से रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र विकसित हुआ। उन्होंने बीकानेर के उद्यमी और व्यापारिक वर्ग से कहा कि वे अपने हितों के प्रति सावचेत रहे, उनकी समस्याओं के समाधान करवाया जायेगा।

इस अवसर पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने बीकानेर मुख्य रूप से फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र मे अग्रणीय रहा है। यह क्षेत्र सिरेमिक व ऊन उद्योग के क्षेत्र में पहचान रखता है। उन्होंने कहा कि सोलर ऊर्जा को लेकर बीकानेर का भविष्य उज्जवल है। अतः उद्यमी इसके प्लांट लगाकर, क्षेत्र के आर्थिक विकास में भागीदार बने। साथ ही सौर ऊर्जा का उत्पादन होने से गांवांे मंे बिजली की कमी नहीं रहेगी।। सूर्य का तेज हमारी अर्थ व्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय भीमसेन ने उद्योग मंत्री रहते ऊन उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके प्रयास से कंवरसेन लिफ्ट योजना से पेयजल सहित उद्योगिक विकास को गति मिली।
इस अवसर पर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पचीसिया ने उद्यमियांे की समस्याओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर उद्यमी सुशील थिरानी, होम सांईस काॅलेज की डीन विमला डूकवाल, राजस्थान वूलन इण्डस्ट्रीय के अध्यक्ष कमल कल्ला, सहायक निदेशक जिला उद्योग केन्द्र सुरेन्द्र शर्मा उपस्थित थे।
इससे पहले ऊर्जा मंत्री डाॅ.कल्ला व पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने ग्रामीण हाट में लगी प्रदर्शनी और स्टाॅलों का अवलोकन किया और प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रदर्शनी में लगी स्टाॅलों के उद्यमियों व उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान पत्र प्रदान किए। संचालन संजय पुरोहित ने किया।
उद्य समागम में दो दिन तक विभिन्न सरकारी योजनाओं, अनुदानों आदि की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि भारी सुअवसर नई योजनाओं के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। इनका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।
जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा, तरूण भटनागर, सहायक निदेशक एमएसएमई, जिला उद्योग अधिकारी अतुल शर्मा, उद्योग प्रसार अधिकारी पूजा शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।
तकनीकी सत्र -शनिवार को ग्रामीण हाट, जयनारायण व्यास में जिला उद्यम समागम कार्यक्रम दूसरे दिवस स्वामी केषवानन्द कृषि विष्विद्यालय के काॅलेज आॅफ होम सांइस की विभागाध्यक्ष, डाॅ विमला डूकवाल द्वारा बीकानेर के शुष्क खाद्य पदार्थों से आजीविका सृजन कैसे किया जा सकता है के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के नितिन व्यास द्वारा एनसीएस पोर्टल के बारे में बताया गया एवं बेरोजगारों को रोजगार की दिशा में रूझान हेतु विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई। घनश्याम मीणा, कृषि विपणन विभाग द्वारा अपने विभाग में दी जा रही विभिन्न सहायता एवं सुविधा एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। सुनील रिणवा, उपायुक्त वाणिज्य कर विभाग द्वारा उद्यमियों को जीएसटी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

शिवम वर्मा द्वारा डिजिटल प्लेटफार्म एमएसएमई के संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के साथ साथ प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। तरूण भटनागर, सहायक निदेशक एमएसएमई द्वारा उद्यमियों को उद्योग आधार, एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन, ई-मार्केट पाॅलिसी एवं ळमउ पोर्टल के बारे में प्रस्तुतीकरण के साथ साथ उक्त संबंध में विस्तृत जानकारी दी। श्रीमती पूजा शर्मा, उद्योग प्रसार अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के बारे मेें विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। सुरेन्द्र जांगू, प्रवक्ता राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय द्वारा सिरेमिक उत्पाद के बारे में विस्त्त जानकारी प्रस्तुंतीकरण के माध्यम से दी गई, इसमें अवगत करवाया गया कि सिरेमिक उद्योग को किस प्रकार गति प्रदान की जा सकती है, के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
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