इसके बाद भाजपा के बोर्ड ने तीन से ज्यादा बोर्ड बैठकें कर दी, समितियां बना दी और अनुमोदन के लिये राज्य सरकार को भी भेज दी,जबकि कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष के लिए अपना चेहरा तय नहीं कर पायी। यही नहीं शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से पीसीसी को कई बार पत्र, फोन और प्रत्यक्ष रूप से आला नेताओं से लेकर प्रभारी मंत्री सालेह मोहम्मद को नेता प्रतिपक्ष के लिए अवगत करा चुके है। यहीं नहीं शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत तो इस मामले में पीसीसी चीफ सचिन पायलट तक को सीधे बता चुके है। हालांकि कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करना कोई बड़ा काम नहीं है। मामला इसलिये अटका है क्योंकि कांग्रेस की कल्ला लॉबी इस बार नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अपने चहेते पार्षद की तैनाती चाहती है।
शहर कांगे्रस कमेटी पदाधिकारियों की मंशा है कि अनुभव को देखते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार को जिम्मा सौंपा जाये,लेकिन शहर कांग्रेस के कई अल्पसंख्यक नेता इसका विरोध कर रहे है। कांग्रेसी अल्पसंख्यक नेता नहीं चाहते कि जावेद पडि़हार उनकी लॉबी से बड़े नेता बनकर उभरें। इसके अलावा शिवशंकर बिस्सा का कल्ला कैंप का चेहरा मना जाता है,इसलिये दावेदारी भी खासी मजबूत मानी जा रही है। इधर अंजना खत्री,आनंद सिंह सोढा भी अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिये बड़े नेताओं से संपर्क साध रहे है।