अनिल जान्दू
श्रीगंगानगर। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के समय जिस तरह से प्रत्याशियों ने अपने हलफनामा पेश किए थे, उसी तरह अब नगरीय निकाय चुनाव में भी अध्यक्ष और पार्षद पद का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों को हलफनामा भरना होगा। प्रत्याशी को हलफनामे में आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति का विवरण, शैक्षणिक योग्यता से संबंधित कॉलम भरना होंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग द्वारा पिछले चुनावों में हलफनामे के खाली कॉलमों के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए गए थे। उसी के बाद विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इसका पालन कराया गया और अब नगर पालिका और नगर पंचायत चुनावों में भी इसी तरह का नियम लागू होगा।

नए कदम उठाए गए हैं

॥इस बार कई नए कदम नगरीय चुनाव प्रक्रिया में उठाए जा रहे हैं। ईवीएम से मतदान होगा। साथ ही चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी को अपना हलफनामा भी देना होगा। चुनावी व्यय की सीमा भी बढ़ा दी गई है।

चुनाव खर्च की सीमा भी बढ़ाई

-> पिछले बार के मुकाबले इस बार नगर पालिका चुनाव लडऩे वाले अध्यक्ष और पार्षदों के लिए चुनावी खर्चे की सीमा भी बढ़ा दी गई है।

-> 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में 10 लाख रूपए, 50 हजार से 1 लाख तक आबादी वाले शहर में 6 लाख रुपए, 50 हजार से कम आबादी वाले शहर में 4 लाख रुपए खर्च की सीमा निर्धारित की गई है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने दिए निर्देश
-> राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा हलफनामे को लेकर नगर पालिका निर्वाचन के लिए नए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

– इन नियमों में प्रत्येक प्रत्याशी को हलफनामे में जानकारी देनी होगी।

– हलफनामा निर्धारित शुल्क के स्टाम्प पेपर के साथ अपने हस्ताक्षर से प्रत्याशी को शपथ पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा। उम्मीदवार पर दर्ज अपराध, संपत्ति जान सकेगी जनता। नामांकन फॉर्म के सभी कॉलम भरने होंगे