जयपुर, 9 दिसंबर। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज संस्थाओं के आम चुनाव-2020 के मद्देनजर उन नवसृजित और पुनर्गठन से प्रभावित पंचायत समितियों व ग्राम पंचायतों के लिए फिर से निर्वाचक नामावली का पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया है, जिनका प्रारूप प्रकाशन आयोग द्वारा जारी पूर्व कार्यक्रम के अनुसार 4 दिसंबर को नहीं हो सका है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं सचिव श्री श्यामसिंह राजपुरोहित ने बताया कि पंचायतीराज विभाग द्वारा 1 दिसंबर को किए गए परिसीमन के कारण कुछ नवसृजित और पुनर्गठित पंचायत समितियां एवं ग्राम पंचायतों की निर्वाचक नामावलियों का प्रारूप प्रकाशन तय दिवस तक नहीं हो पाया है। उनके लिए कार्यक्रम जारी कर दिया गया है।
श्री राजपुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम के अनुसार निर्वाचक नामावलियों का प्रारूप प्रकाशन 16 दिसंबर, 2019 को होगा, इसी दिन नामावलियों का वार्डों या मतदान केंद्रों पर पठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नामावलियों से जुड़े दावे और आक्षेपों को प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 25 दिसंबर होगी। नाम जुड़वाने या किसी भी तरह के संशोधन के लिए विशेष अभियान 22 दिसंबर को रहेगा। दावे और आक्षेपों के निस्तारण 31 दिसंबर तक हो सकेगा। पूरक सूचियों की तैयारी 4 जनवरी तक होगी जबकि निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 6 जनवरी, 2020 को किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिन मतदाताओं की उम्र 1 जनवरी, 2020 को 18 वर्ष पूरी हो रही है और जो संबंधित वार्ड का सामान्य तौर पर निवासी हो। वे मतदाता प्रारूप मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मतदान केन्द्रों पर दावे व आपत्तियां प्रस्तुत करने के लिए विशेष अभियन की तिथि 22 दिसंबर निर्धारित की गई है। इस दिन प्रगणक प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक अपने-अपने मतदान केन्द्रों पर उपस्थित रहकर दावे आपत्तियों के आवेदन प्राप्त करेंगे। शेष दिनों में प्रगणक मतदान केंद्रों पर 2 से 5 उपस्थित रहेंगे।
गौरतलब है कि पंचायतराज संस्थाओं के लिए ये मतदाता सूचियां विधानसभा निर्वाचन नामावली का डेटाबेस के आधार पर तैयार की जाएंगी। ऐसे मतदाता जिनका नाम पंचायती राज संस्थाओं की मतदाता सूची में नहीं है, वे दावे-आपत्तियों के दौरान अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं।