— हेम शर्मा –

दीपावली पर जिला उद्योग संघ ने चार मांगे बीकानेर के सर्वांगीण विकास के लिए रखी है- मेगा फूड पार्क, ड्राइपोर्ट, हवाई सेवाओं का विस्तार और गैस पाइप लाइन। ये सभी वर्षों से बीकानेर की लम्बित मांगें है। जिला उद्योग संघ अध्यक्ष डी.पी. पचीसिया सतत रूप से ये मांग उठाते रहे हैं। वे अपना घर और धूमावती माताओं की सेवा काम देखते हैं। उनका यह प्रयास किसी जनप्रतिनिधियों से कम है क्या ? हालांकि सार्वजनिक जीवन में उनके विरोधी उनकी आलोचना में इतना कुछ कहते कि उल्लेख करना उनके मूल कामों को धुलमिल करने जैसा हैं, परन्तु विरोधियों से सवाल भी पूछा जा सकता कि वे अपना घर को या धूमावती माताओं की सेवा का काम चलाकर देखें। हर आदमी के कार्यों के निहितार्थ औऱ उद्देश्य होते हैं। कोई श्रेय लेते हैं।कोई योगदान देते हैं। बीकानेर के राजनेताओं में भी जनहित के मुद्दों पर श्रेय लेने की होड़ मची रहती है। जरा जनता सोचकर देखें कि बीकानेर के विकास की वास्तव में किसी को चिंता है भी क्या। कोई जिम्मेदारी की भावनाओं से बीकानेर के विकास की चिंता कर रहा है क्या ? केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विकास के ज्वलंत मुद्दों पर कितना क्या किया है उनके लम्बे चौड़े दावे हो सकते हैं। परिणाम कोई आया हो तो बता दें। अर्जुन राम अपनी सरकार के मंत्रियों और विभागों को पत्र लिखकर बीकानेर के विकास में योगदान की सार्वजनिक मंचों से दावेदारी करते रहते हैं।

राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. बी डी कल्ला को श्रेय लेने की राजनीति में महारत हासिल है। वे सरकारी योजनाओं की स्वीकृति को भी इतना भुनाते की कोई सोच नहीं सकता। बजट घोषणा में गोगागेट से भीनासर ट्रैफिक पाइंट औऱ भीमसेन चैराहे से कर्मीसर सड़क को चौड़ा करने का काम या एमजीएस विवि खुद के बजट से हुए विकास के कार्य का श्रेय कल्ला ही लेंगे। बाकी नेताओं की बात करना बेमानी है।। फिर इन नेताओं और जिला उद्योग संघ के प्रयासों में क्या फर्क रह गया। बीकानेर के नेताओं अपना घर में झांककर देखों । क्या आप बीकानेर के विकास के लिए कुछ कर पा रहे हो ? मांग और मुद्दे तो जिला उद्योग संघ औऱ कई अन्य संगठन आप से ज्यादा उठा रहे हैं। जिला उद्योग संघ की तो दीपावली भी विकास के चार मुद्दों की मांग से मनाई जा रही है। यह हमारे जनप्रतिनिधियों को आइना दिखाने जैसा है।