मैटेरियल सप्लायर द्वारा कि जा रही है यह कालाबाजारी

राजसमंद से ओम एक्सप्रेस का बड़ा खुलासा

प्रदेश में नॉन ट्रेड सीमेंट खुले आम सप्लाई करने व बाजार में बेचने का गोरख धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। इस धंधे में कई सफेद पोश भी शामिल हैं, जिससे सरकार को वैट व एक्साइज ड्यूटी का नुकसान उठाना पड़ रहा है। दूसरी ओर, ट्रेड सीमेंट बेचने वाले डीलर का धंधा चौपट हो रहा है।

राजसमंद(ओम एक्सप्रेस)

नॉन ट्रेड व ट्रेड सीमेन्ट की दर में कम से कम 80 रुपए प्रति बैग का अंतर रहता है। बड़ा मुनाफा कमाने के लिए कई संस्थाएं व ठेकेदार अपने नाम से सीमेंट मंगवाकर बाजार में बेच देते हैं, जबकि जिस नाम से बिल व बिल्टी बनती है सीमेन्ट वहीं पर खाली होना चाहिए। ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से यह माल रास्ते में या अन्य स्थान पर खाली किया जा रहा है। इसका खुलासा शनिवार को आमेट पंचायत समिति के जेतपुरा पंचायत में रिद्धि सिद्धि एसोसिएट केयर ऑफ पवन कुमार द्वारा पंचायत में ट्रेड सीमेंट का सप्लायर होने के साथ ही उनके द्वारा नॉन ट्रेड सीमेंट की कालाबाजारी चल रही है ।
सूत्रों के अनुसार सीमेंट कम्पनियां दो तरह का ट्रेड व नॉन ट्रेड सीमेंट जारी करती है। ट्रेड सीमेंट आम उपभोक्ता को तथा नॉन ट्रेड सीमेंट सरकारी निर्माण कार्य, बडे प्रोजेक्ट, बड़े ठेकेदार या संस्था जिसका बड़ा प्रोजेक्ट हो को बेचा जाता है। वर्तमान में ट्रेड सीमेंट की कीमत 260 से280 रुपए प्रति बेग होती है। बेग पर लिखी कीमत के आधार पर एक्साइज ड्यूटी लगती है।

सेल टेक्स, माल भाड़ा तथा डीलर का कमीशन भी इसमें शामिल होने से यह महंगा है। वहीं नॉन ट्रेड में सीमेंट के लागत मूल्य पर एक्साइज व सेल टेक्स लगता है। माल भाड़ा तथा डीलर का कमीशन नहीं लगने से इसकी कीमत 180 से 190 रुपए प्रति बैग होती है। नॉन ट्रेड में सीमेंट के बैग पर नोट फॉर सेल लिखा होता है, जिसे बाजार में नहीं बेचा जा सकता है। नहीं पंचायत के मैटेरियल सप्लायर फर्म या व्यक्ति द्वारा इसका उपयोग करते हुए सप्लाई कर सकते हैं ।