एसकेआरएयू: रैगिंग मामलों की समीक्षा बैठक आयोजित

बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित महाविद्यालयों एवं छात्रावासों में रैगिंग मामलों की रोकथाम एवं इसके लिए अब तक की गई कार्यवाही की समीक्षा बैठक शनिवार को छात्र कल्याण निदेशालय में आयोजित हुई।
छात्र कल्याण निदेशक प्रो. वीर सिंह ने बताया कि महाविद्यालयों एवं छात्रावासों में रैगिंग पर प्रभावी रोकथाम के लिए न्यायालय एवं यूजीसी मापदण्डों के अनुसार चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी नियमित समीक्षा कर रहा है। महाविद्यालय स्तर पर एंटी रैगिंग कमेटियां तथा स्क्वॉड गठित किए गए हैं। प्रत्येक कैम्पस में सीसीटीवी कैमरे तथा विभिन्न स्थानों पर एंटी रैगिंग पोस्टर्स लगाए गए हैं। इन संस्थाओं में औचक निरीक्षण की व्यवस्था की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा काउंसलर्स नियुक्त किए गए हैं, जिनके माध्यम से समय-समय पर रिफेसर कोर्स आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों का सतत आयोजन किया जाता है, जिससे शैक्षणिक वातावरण के साथ विद्यार्थियों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा हो।


शारदा सामाजिक सरोकार एवं शोध संस्थान की चेयरपर्सन डॉ. प्रभा भार्गव ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखना बेहद जरूरी है। आज इसके प्रति जागरुकता आई है तथा संस्थानों में इस दिशा में जागरुकता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यदि रैगिंग का कोई मामला सामने आए तो ‘जीरो टॉलरेंसÓ की नीति अपनाई जाए तथा प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को चाहिए कि वे प्रत्येक घटना पर नजर रखें तथा अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के बीच संवाद कायम रहे।
बैठक में विश्वविद्यालय के सिक्योरिटी ऑफिसर डॉ. रामधन जाट, डॉ. प्रसन्नलता आर्य, डॉ. मनमीत कौर, डॉ. सत्यवीर सिंह मीना, अभिभावक सदस्य महेन्द्र गहलोत तथा विद्यार्थी सदस्य के रूप में दीक्षा शर्मा, सुनील कुमार निंबारिया, भव्या अग्रवाल और प्रियंका चैहान मौजूद रहे।

भार्गव ने सराही छात्रावासों की व्यवस्थाएं बैठक के बाद डॉ. प्रभा भार्गव ने कृषि, आइएबीएम और गृह विज्ञान महाविद्यालय के छात्रावासों का अवलोकन किया। उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं की सराहना की तथा विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए इनकी समीक्षा की। उन्होंने छात्रावासों में आधारभूत सुविधाओं के साथ सुरक्षा मानकों की स्थिति को सराहा। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि विश्वविद्यालय प्रशासन के सतत प्रयासों की बदौलत विश्वविद्यालय में रैगिंग की कोई घटना घटित नहीं हुई है।

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