बीकानेर। 8 साल की गुन्नू तो बेखबर थी ही यहाँ तक कि माँ-बाप को भी अंदाजा न था उसकी गंभीर बीमारी का। राजुपुरा (तहसील श्रीडूंगरगढ़) की गुन्नू कँवर का दिल में छेद का सफल ऑपरेशन हुआ है जयपुर के नारायणा हृदयालय में, वो भी बिलकुल निःशुल्क। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एक बार फिर माध्यम बना मासूम जिंदगी को बचाने में। गुन्नू के पिता दुर्जन सिंह ने बताया कि गुन्नू बिटिया में ऐसे कोई लक्षण प्रतीत नहीं हुए कि उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़े हाँ कभी-कभी लगता था कि वो खेलते-खेलते जल्दी हांफ जाती थी। जो कोई ना देख सका उसे देखा आरबीएसके की श्रीडूंगरगढ़ ए टीम ने।

राजकीय विद्यालय के बच्चों की स्क्रीनिंग के दौरान आयुष चिकित्सक डॉ. भानुप्रताप सिंह को गुन्नू की धड़कन असामान्य प्रतीत हुई तो आगे जांच के लिए पीबीएम अस्पताल, बीकानेर रेफर कर दिया। इको जांच में तय हो गया कि उसके दिल में छेद है और ऑपरेशन से ही ठीक होगा। खेती से गुजारा कर रहे गरीब परिवार के लिए ये दोहरे आघात की तरह था। आरबीएसके एडीएनओ डॉ. मनुश्री सिंह व डीइआईसी मैनेजर योगेश पंवार द्वारा फाइल जिला स्तर पर भेजी गई तो सीएमएचओ डॉ. बी.एल. मीणा ने आरबीएसके के तहत जयपुर में निःशुल्क ऑपरेशन के लिए केस को आगे बढा दिया गया। जनवरी के पहले सप्ताह में जयपुर के निजी अस्पताल नारायणा हृदयालय में बाल ह्रदय रोग विशेषज्ञ द्वारा गुन्नू कँवर का सफल ऑपरेशन किया गया। गुन्नू तो खिल-खिला ही रही है माँ-बाप के चेहरे की रौनक भी लौट आई है। बिटिया को मिले जीवनदान ने पूरे परिवार के कष्ट हर लिए। उनके लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अभी भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है क्यों कि अगर आरबीएसके दल ने स्क्रीनिंग ना की होती तो मर्ज और बढता जाता जो कि किसी आपातकालीन स्थिति के साथ सामने आता।

स्क्रीनिंग करने वाले आरबीएसके दल में डॉ. मिथिलेश रायल, फार्मासिस्ट बनवारी लाल व एएनएम सुशीला शामिल रहे। पिता दुर्जन सिंह सरकार का आभार जताते नहीं थकते।