बीकानेर। योग्य दम्पतियों से सम्पर्क कर सीमित परिवार तथा स्थाई व अस्थाई परिवार कल्याण साधनों की जानकारी देने के लिए पूरे देश के साथ जिलेभर में गुरुवार से जनसँख्या मोबिलाईजेशन (दम्पति सम्पर्क पखवाडा) शुरू हुआ। आशा-एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता खुशहाल परिवार का पैगाम लेकर घर-घर पहुँचाना शुरू हो गए। इस बार पखवाड़े की थीम है “परिवार नियोजन से निभाएं जिम्मेदारी, माँ और बच्चे के स्वास्थ्य की पूरी तैयारी” जिसके अनुसार परिवार कल्याण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आईएमआर व एमएमआर को नीचे लाना है।

आगामी 10 जुलाई तक चलने वाले इस पखवाडे के दौरान जिले के कस्बे, गांव-ढाणियों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर संपर्क कर योग्य दम्पत्तियों के बीच जन-जागृति पैदा की जायेगी। इसके बाद 11 जुलाई विश्व जनसँख्या दिवस से 24 जुलाई, 2019 तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जायेगा जिसमें जिला स्तर सहित ब्लॉक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाए जायेगें। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान परिवार विकास मेलों का आयोजन भी किया जायेगा।


सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर दो चरणों में चलने वाले परिवार कल्याण अभियान के पहले चरण में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ता घर-घर जाकर योग्य दम्पतियों को जागरूक करेगें और उन्हें सीमित परिवार रखने के लाभ सहित विवाह की सही आयु, विवाह के पश्चात कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा हो, पहले व दूसरे बच्चे में कम से कम 3 साल का अंतर हो, की जानकारी दी जायेगी साथ हीं प्रसवोत्तर परिवार कल्याण सेवाऐं, अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन, पुरूषों की परिवार नियोजन में सहभागिता, गर्भपात पश्चात परिवार कल्याण सेवाऐं और स्थाई व अस्थाई साधनों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जायेगा।

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प.क.) डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि इस बार पखवाड़े के दौरान जिले को 55 पुरुष नसबंदी एनएसवी, 881 एलएस महिला नसबंदी, 1409 आईयूसीडी निवेशन, 706 अंतरा, 2559 कंडोम व 2108 गर्भ निरोधक गोली यूजर का लक्ष्य दिया गया है। प्रथम पखवाडे में कार्यकर्ता संभावित जोडों की ग्रामवार सूची तैयार कर संबंधित आशा, आयुष स्टाफ व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करवाऐंगे। पखवाड़े के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता लक्षित दम्पतियों से सम्पर्क कर उन्हेें नसबंदी के लिए प्रेरित करेंगे और आईयूडी निवेशन की जानकारी भी देंगे। वहीं महिलाओं को ऑरल पिल्स और दम्पतियों को निरोध का वितरण भी किया जायेगा। दूसरे चरण में जिला स्तरीय कार्यक्रम के साथ हीं खण्ड व स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे। जिला व ब्लॉक स्तर पर परिवार विकास मेलों का आयोजन किया जायेगा जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शामिल करते हुए जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जायेगी।