हर्षित सैनी
रोहतक, 14 दिसम्बर। पीजीआईएमएस कैंपस निवासी डॉ. रागिनी गहलोत ने गत माह लास वेगास में आयोजित अंर्तराष्ट्रीय क्लासिक महिला प्रतियोगिता में हिस्सा ले प्रतियोगिता में मिसेज क्लासिक यूनिवर्स का अवार्ड प्राप्त करके, पीजीआईएमएस के साथ खानपुर मेडिकल कालेज व पूरे हरियाणा का नाम विदेश में रोशन किया है।

डॉ. रागिनी के यह प्रतियोगिता जीतने पर शनिवार को एमडीयू के फैकल्टी हाऊस में उनका स्वागत समारोह आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा, पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, बाबा कपिल पूरी व एलपीएस बोसार्ड के एमडी राजेश जैन ने उन्हें बधाई दी।
मिसेज क्लासिक यूनिवर्स के इस अवार्ड के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उनके पति व पीजीआईडीएस के प्रोफैसर डॉ. पंकज गहलोत ने बताया कि गत माह लास वेगास में अंर्तराष्ट्रीय क्लासिक महिला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें पूरे विश्व से 35 व उससे अधिक उम्र की युवतियों ने हिस्सा लिया था। महिलाओं को सशक्त बनाने की समर्पण भावना के चलते भारत देश से डॉ. रागिनी सिंह ने प्रतिनिधित्व किया।
डॉ. पंकज गहलोत ने बताया कि जजों ने प्रतियोगिता को चार श्रेणियों में बांटा था, इसमें सबसे पहला भाग जजों द्वारा लिया गया साक्षात्कार शामिल होता है जोकि प्रतियोगिता स्कोर का 40 प्रतिशत भाग होता है।

डॉ. रागिनी ने बताया कि इसमें उनसे इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का कारण, शासनकाल के दौरान उनका लक्ष्य, अपना कैरियर चुनने के दौरान महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियां आदि शामिल थे। अन्य तीन चरणों में उनके कंट्री कॉस्ट्यूम, रिजॉर्ट वियर और इवनिंग गाउन शामिल था।
मिसेज क्लासिक यूनिवर्स ने अपने प्रत्येक सेगमेंट के डिजाइन किए विभिन्न रंगों और शैलियों का चित्रण विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया। डॉ. वीणा सिंह गहलोत ने बताया कि अलग-अलग देशों से आई महिलाओं के बीच प्रतियोगिता काफी कठिन थी, उनके बीच उनकी पुत्रवधू डॉ. रागिनी में अच्छा स्वास्थ्य, सुंदरता व तेज दिमाग का एक साथ मिलान होने के चलते उसने यह प्रतियोगिता जीती और मिसिज क्लासिक यूनिवर्स का खिताब जीता।

इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने पति डॉ. पंकज गहलोत, सास डॉ. वीणा सिंह गहलोत व ससुर डॉ. पी.एस. गहलोत को देते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से ही उन्होंने आज यह मुकाम हासिल किया है। डॉ. रागिनी ने कहा कि वें इस मंच पर आकर साबित करना चाहतीं थीं कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि उम्र की कोई सीमा उनकी प्रतिभा को नहीं दबा सकती और वें अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन सकती हैं। डॉ. रागिनी ने कहा कि महिला ही परिवार, समाज व देश की स्तंभ हैं। उनका स्वस्थ व तंदरूस्त होना बहुत आवश्यक है। इस मंच से वे सभी महिलाओं में जागरूकता लाना चाहती हैं कि फिट रहने की कोई उम्र सीमा नहीं है।