अहमदाबाद|अहमदाबाद जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद के पुत्र मोहम्मद उमर को सीबीआइ ने दो लाख रुपये का इनामी अभियुक्त घोषित कर दिया है। तीन साल से फरार एक लाख रुपये के इनामी पूर्व विधायक अशरफ से भी ज्यादा इनाम उसके भतीजे उमर पर रखा गया है। हाइकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज होने के बाद अब सीबीआइ उस पर शिकंजा कसेगी।21 वर्षीय उमर चर्चित देवरिया जेल कांड में अपने पिता अतीक के साथ नामजद आरोपित है। 26 दिसंबर 2018 को लखनऊ के रीयल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को लखनऊ से बंधक बनाकर देवरिया जेल ले जाया गया था। तब वहां बंद रहे अतीक और उनके करीबियों ने उन्हेंं जमकर पीटा था।

मोहित से कई करोड़ की संपत्ति के कागजात पर जबरन दस्तखत करा लिए गए थे। चंगुल से छूटने पर मोहित ने लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में अतीक अहमद और मोहम्मद उमर समेत 12 अन्य के खिलाफ अपहरण, मारपीट, धमकी का मुकदमा लिखाया था। 23 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआइ को सौंपकर अतीक को अहमदाबाद जेल भेजने का आदेश दिया था। सीबीआइ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने 13 जून को लखनऊ में आरोपितों के खिलाफ नया केस लिख जांच शुरू की। जुलाई में यहां चकिया स्थित अतीक के ठिकानों पर छापेमारी कर तमाम कागजात जब्त किए। अतीक के साले जकी अहमद को भी गिरफ्तार किया गया, तब से उमर फरार है।अगस्त में सीबीआइ की अपील पर कोर्ट ने उमर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसके बाद सीबीआइ ने उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी। वह जुलाई से ही चकिया में अपने घर नहीं आया। वह नोएडा के एमिटी में एलएलबी अंतिम वर्ष का छात्र है। सीबीआइ टीम को वह वहां भी नहीं मिला। अब सीबीआइ ने उस पर दो लाख रुपये इनाम रख दिया है। मंगलवार को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की याचि

का खारिज होने से उमर की मुश्किल बढ़ गई है।

उधर, उमर के चाचा पूर्व विधायक अशरफ पर दर्ज चार मुकदमों में गिरफ्तारी के लिए कुर्की हो चुकी है। उस पर इनाम एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने की शासन को संस्तुति भेजी गई है।सीबीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि फरार मोहम्मद उमर को पकडऩे के लिए लखनऊ, प्रयागराज, नोएडा, दिल्ली, मुंबई में उसके रिश्तेदारों और करीबियों पर नजर रखी जा रही है। कई मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाए गए है। नोएडा के कॉलेज पर भी निगरानी हो रही है।