बिहार(सुपौल)-(कोशी ब्यूरों)-कोरोना महामारी को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे अचूक हथियार माना जा रहा है। लेकिन त्रिवेणीगंज प्रखण्ड में इसका भय लोगो के दिलो दिमाग से निकल चुका है। जिले में जैसे जैसे कोरोना के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। वैसे-वैसे लोगो में वायरस का डर बिल्कुल समाप्त होते जा रहा है। चाहे वह सरकारी बाबू का दफ्तर हो, हॉस्पिटल हो या हाट-दुकानें हो पहले की तरह लोग घरों से बिना मास्क गमछा व फेसकवर के भीड़ भाड़ वाली जगहों पर घूम रहे है। अधिकारियों के दिशा निर्देश का सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रखंड से कुछ ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आ रही है जो कि प्रशासन के दावों की पोल खोल रही हैं ।

अंचल व प्रखण्ड कार्यालयों के काउंटरों पर भी कोई रोकने टोकने वाला नहीं मंगलवार को अंचल कार्यालय व प्रखण्ड का आरटीपीएस काउंटर के आगे पुरुष एवं महिलाओं की भीड़ थी। लोगों ने बताया कि यहां पहले आओ-पहले पाओ के सिस्टम पर काउंटर कार्यरत है। वहां पंक्ति में बिना मास्क व बिना दूरी के खड़े रहनेवाले लोगों को कोई रोकने टोकने वाला नही। जब सरकारी कार्यालय के काउंटर पर कोरोना काल के नियम नहीं माने जाते तो ऐसे में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण कैसे पाया जा सकता है।

अधिकारियों के आदेश का ठेंगा दिखा रहे दुकानदार

कोरोना के चलते प्रसाशन ने दुकानदारों को नियमों के तहत दुकान खोलने की अनुमति दे रखी है, लेकिन अधिकतर ऐसे दुकानदार है जो कि अधिकारियों के आदेशों को ठेंगे पर रख कर चल रहे है। जिले में कोरोना लगातार अपना पैर पसार रहा है। अनलॉक की शुरुआत होते ही दुकानदारों को नियम और कानून के तहत दुकानें खोलने की आदेश जारी किए। कहा गया कि दुकान में मास्क और सैनिटाइजर के साथ साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना आवश्यक होगा। प्रखंड कार्यालय के पास के दुकान हो या पंचायत की दुकानें हो बिना मास्क व साेशल डिस्टेंसिंग का दुकानदार व ग्राहक द्वारा सामान दिया जा रहा है।