जयपुर।प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सेवा सहकारी समितियां बनाने के जन घोषणा-पत्र की अनुपालना के क्रम में आगामी 4 वर्ष में 2000 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियां (जीएसएस) गठित करने के निर्देश दिए हैं। सहकारी संस्थाओं की गांव-गांव में पहुंच से किसानों को फसली ऋण लेने तथा खाद-बीज की उपलब्धता में सुविधा हो सकेगी।
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कृषि से जुड़े विभिन्न विभागों की समूहवार बैठक के दौरान सहकारिता विभाग की समीक्षा की। अधिकारियों को निर्देश दिए कि जीएसएस के गठन की प्रक्रिया को किसानों के लिए अधिक सुगम एवं त्वरित बनाया जाए। राजस्थान में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने तथा सहकारिता से जुड़ी संस्थाओं की आमजन तक पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
भारत सरकार की कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत स्थापित किए जा रहे कस्टम हायरिंग सेन्टर्स को वृहद रूप में स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि इन पर सभी फसल चक्रों में इस्तेमाल होने वाले कृषि यंत्र आसानी से किराये पर उपलब्ध हो सके।
अधिक से अधिक जीएसएस तथा क्रय-विक्रय सहकारी समितियों (केवीएसएस) को कस्टम हायरिंग सेन्टर्स से जोड़ा जाए। खरीफ की फसल के लिए ऋण वितरण के काम को गति देने तथा यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अधिक से अधिक किसानों को फसली ऋण वितरित हो सके।
प्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिये ज्यादा संख्या में खरीद केन्द्र खोलने के निर्देश दिए। गेहूं की एमएसपी पर खरीद को केन्द्र सरकार की ’विकेन्द्रीकृत खरीद योजना’ के तहत चरणबद्ध रूप से आरम्भ करें, ताकि प्रदेश में गेहूं की ज्यादा से ज्यादा खरीद हो सके। भूमि विकास बैंकों के केन्द्रीय सहकारी बैंकों में विलय के प्रस्ताव का परीक्षण करने के भी निर्देश दिए।
प्रदेश की ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा के तहत निर्मित गोदामों को संबंधित पंचायतों द्वारा उपयोग में नहीं लेने की स्थिति में स्थानीय जीएसएस अथवा केवीएसएस को खाद-बीज अथवा फसल उत्पादों के भण्डारण के लिए देने के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। इसके लिए ग्राम पंचायतें अपने गोदाम सहकारी समितियों को निर्धारित किराये पर दे सकती हैं।
जयपुर तथा अन्य जगहों पर गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा आम लोगों को दोहरे पट्टे जारी कर धोखा देने की गतिविधियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। ऐसे प्रकरणों में सहकारिता, नगरीय विकास तथा पुलिस आदि संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय कर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्री कुंजी लाल मीणा ने सहकारिता विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं, फसली ऋण वितरण की स्थिति, कृषक ऋण माफी योजना की प्रगति, बजट घोषणाओं, जन घोषणा-पत्र एवं मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न अवसरों पर की गई घोषणाओं की क्रियान्विति की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिया। साथ ही, विभाग की आगामी दिनों की प्राथमिकताओं से भी अवगत कराया।