जयपुर।भारत विभिन्न जातियों, धर्मों और भाषाओं का एक गुलदस्ता है, जिसे मजबूत बनाने के लिए हम सभी को एक साथ जुटकर काम करना होगा। अल्पसंख्यकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है, क्योंकि गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए यह आवश्यक है कि सभी वर्गों के लोग एक साथ आएं।
निवास पर अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में 8 भवनों के लोकार्पण एवं दो भवनों के शिलान्यास के लिए आयोजित वर्चुअल समारोह को सम्बोधित किया। ये निर्माण कार्य अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के उद्देश्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होंगे। इन सुविधाओं के विस्तार से अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में लोगों को शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं में लाभ मिलेगा।

समारोह में अलवर जिले के हसनपुर माफी, लधावड़ा और सहजपुर तथा भरतपुर जिले के कामां में राजकीय अल्पसंख्यक बालिका छात्रावासों का लोकार्पण किया गया। साथ ही, अलवर के तिजारा और ढाढोली-रामगढ़ में राजकीय नर्सिंग कॉलेजों तथा अलावड़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवनों का भी लोकार्पण किया। इन सभी भवनों की कुल निर्माण लागत 18.75 करोड़ रूपये है। इस दौरान सवाई माधोपुर में राजकीय अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास तथा झुन्झुनू में कॉमन सर्विस सेन्टर के भवनों, जिनकी अनुमानित निर्माण लागत 3.8 करोड़ रूपये है, का शिलान्यास भी किया गया।
राज्य सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आवश्यकता के अनुरूप संसाधन उपलब्ध करा रही है। कुछ क्षेत्रों में अल्पसख्यंक वर्ग में शिक्षा का अभाव है और इन क्षेत्रों में शिक्षा के लिए सुविधाओं का विकास करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। बीते दिनों विधानसभा में राजस्थान राज्य मदरसा बोर्ड को वैधानिक दर्जा देकर राज्य सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति शिक्षा के प्रसार से ही सम्भव है। मदरसा बोर्ड अब अधिक सक्रिय रूप से अल्पसंख्यक समुदाय की आधुनिक शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए प्रयास कर सकेगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के बालक-बालिकाओं की शिक्षा पर फोकस कर रही है। जन घोषणा पत्र में जो वायदे किए गए थे, उन सभी को पूरा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। आज जिन भवनों के लोकार्पण एवं शिलान्यास हुए हैं, उनसे सम्बन्धित क्षेत्रों में शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकेंगी।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद ने मदरसा बोर्ड को वैधानिक दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में राजस्थान के विभिन्न अल्पसख्ंयक बाहुल्य क्षेत्रों में छात्रावासों और स्वास्थ्य केन्द्रों जैसी सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। कई जगहों पर अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं के लिए कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करवाए गये हैं। इच्छुक एवं हुनरमंद युवाओं को शिक्षा तथा स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए ऋण भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

अल्पसंख्यक मामलात राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि उनके विभाग की अल्पसख्यंक मामलात एवं वक्फ विभाग द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुविधाओं के विकास के लिए प्रस्तावित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के दूरगामी परिणाम निकलंेगे। इन कार्यों से अल्पसंख्यक समुदाय को सीधा लाभ मिलेगा तथा वे विकास की मुख्यधारा में आगे बढ़ सकेंगे।
इस दौरान विभाग की पुस्तिका एवं ब्रोशर का विमोचन भी किया गया। झुन्झुनू सांसद श्री नरेन्द्र कुमार, बड़ी संख्या में विधायक, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य जन विभिन्न जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समारोह में उपस्थित हुए।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव अल्पसख्यंक मामलात श्रीमती अपर्णा अरोरा, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा, निदेशक अल्पसंख्यक मामलात श्री जमील अहमद कुरैशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।