सोनीपत: नए सिरे से आरक्षण तय करने के लिए प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर चल रही प्रक्रिया पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखा। ऐसे में जिन पंचायतों में सरपंच और अन्य पदों के लिए निकाले गए ड्रा भी निरस्त हो सकते हैं।
हरियाणा में सरपंच, पंच, ब्लॉक समिति सदस्य, जिला परिषद के सदस्यों का कार्यकाल दिसंबर 2020 में पूरा हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके तहत अधिकतर जिलों में सरपंच और पंच के लिए सीट आरक्षित करने को ड्रा निकाले जा चुके हैं तो कुछ जगह ब्लॉक समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य के वार्ड आरक्षित करने के लिए भी ड्रा हो चुके हैं। ड्रा निकलने से स्थिति स्पष्ट हो चुकी थी कि किस पंचायत में सरपंच के लिए कौन चुनाव लड़ सकता है और चुनाव लड़के इच्छुक लोगों ने भी तैयारी शुरू कर दी। इस बीच विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव ने सभी उपायुक्तों को पत्र भेजकर सारी प्रक्रिया पूरी तरह से रोकने के निर्देश दिए है। साथ ही कहा है कि अगले आदेश तक पंचायत चुनाव के मद्देनजर किसी तरह की प्रक्रिया नहीं होगी।

बीसी के लिए आरक्षित हो सकती है सीट, महिला आरक्षण भी बढ़ने की उम्मीद

पंचायतों में अभी तक सरपंच के लिए 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए तो 20 प्रतिशत एससी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित है, बीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरपंच पद भी बीसी के लिए आरक्षित हो सकते हैं और महिला आरक्षण 50 प्रतिशत करने की तैयारी है। पंच, ब्लॉक समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्यों के लिए आरक्षण बदला जा सकता है। आरक्षण में बदलाव होने पर जिन जिलों में ड्रा हो चुका है, वहां प्रक्रिया दोबारा करवाई जाएगी।

पंचायत चुनाव के लिए सीट आरक्षित करने को ड्रा कराया जा रहा था। पंचायत चुनाव की सभी प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। पंचायती राज एक्ट में आरक्षण में बदलाव करने के लिए यह रोक लगाई है। इसमें किसको किस तरह से आरक्षण दिया जाएगा, उच्च स्तर पर तय होगा और उसके बाद निर्देश मिलने पर ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी – श्यामलाल पूनिया, डीसी।