– भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की वर्चुअल लैब परियोजना के अंतर्गत हुआ करार, ईसीबी बना नोडल सेंटर

बीकानेर।बीकानेर शहर के इंजीनियरिंग विद्यार्थी वर्चुअल लैब परियोजना के समन्वयक संस्थान आइआइटी दिल्ली सहित देश के सर्वोच्च सात राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्थान की प्रायोगिक लैब के प्रैक्टिकल का ज्ञान अब बीकानेर में ही ले सकेंगे साथ ही विद्यार्थियों को आइआइटी दिल्ली में इंटर्नशिप करने का मौका भी मिलेगा ।भारत सरकार की और से संचालित नेशनल मिशन फॉर एजुकेशन थ्रू इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के तहत वर्चुअल लैब का नोडल सेंटर अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में स्थापित किया गया है ।

जनसंपर्क अधिकारी डॉ नवीन शर्मा ने बताया की इन सभी संस्थानों ने इंजीनियरिंग एवं साइंस के विभिन्न विषयों में होने वाले प्रयोगों को इंफोर्मेशन एवं कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की मदद से वेब इनेब्ल्ड प्रयोगों के रूप में विकसित कर वर्चुअल लैब्स पोर्टल पर उपलब्ध करवाया है। इस पोर्टल के जरिए बीकानेर में संचालित सभी तकनीकी क्षेत्र के महाविद्यालयों के विज्ञान, तकनीकी एवं पालिटेक्निक के स्टूडेंट्स के साथ ही रिसर्च स्कॉलर्स भी वेब इनेब्ल्ड प्रयोग कर सकते हैं। विभिन क्षेत्र में आइआइटी में हो रहे प्रयोगों को वर्चुअल लैब के माध्यम से विद्यार्थी ईसीबी की वर्चुअल लैब में देख कर प्रयोग कर सकेंगे l वर्चुअल लैब कि सहायता से किसी प्रोजेक्ट की परिकल्पना को कम्प्यूटर पर मूर्त रूप में देखा जाता है।

जनसंपर्क अधिकारी डॉ नवीन शर्मा ने बताया की ईसीबी में स्थापित होने जा रही वर्चुअल लैब से विद्यार्थियों को आइआइटी के प्रायोगिक ज्ञान का अनुभव मिलेगा l डॉ. शर्मा ने बताया की वर्चुअल लैब्स प्रोजेक्ट के तहत, लगभग 700 से अधिक वेब-सक्षम प्रयोगों से युक्त 100 से अधिक वर्चुअल लैब्स को रिमोट-ऑपरेशन और देखने के लिए डिज़ाइन किया गया है l बीकानेर के छात्रों एवं फैकल्टी को ईसीबी के वर्चुअल लैब केंद्र के द्वारा दूरस्थ प्रयोग के माध्यम से बुनियादी और उन्नत अवधारणाओं को सीखने में मदद मिलेगी।

नोडल केंद्र के समन्वयक श्री ऋतुराज सोनी एवं श्री अजय चौधरी ने बताया की वर्चुअल लैब्स को उपयोगकर्ता के परिसर में प्रयोगों के संचालन के लिए किसी अतिरिक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर सेटअप की आवश्यकता नहीं होती है। सिमुलेशन-आधारित प्रयोगों को इंटरनेट के माध्यम से दूरस्थ रूप से एक्सेस किया जा सकता है। वर्चुअल लैब के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन्स, कंप्यूटर साइंस & इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, शारीरिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग सम्बंदित प्रैक्टिकल किये जा सकेंगे ।

-: पहले चरण में जुलाई माह में फैकल्टी को दी जाएगी ट्रेनिंग

डॉ. नवीन शर्मा बताया कि इस सेंटर के लिए अभी फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया जाएगा। इसमें अलग-अलग सत्रों में यूनिवर्सिटी की अलग-अलग अध्ध्यनशालाओं के विभागाध्यक्ष एवं अन्य प्राध्यापकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें वह वर्चुअल लैब्स के सिद्धांत को समझने के साथ-साथ स्वयं वर्चुअल लैब्स पोर्टल अपने-अपने विषयों को लेकर प्रयोग करेंगे। इसके बाद स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें उनकी मदद टीचर्स करेंगे। साथ ही एक्सपर्ट बताऐंगे कि वर्चुअल लैब में स्टूडेंट्स किस तरह काम करेंगे।

-:इन्होने ये कहा

प्रायोगिक ज्ञान के अभाव में स्टूडेंट्स में बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है, क्योंकि यूनिवर्सिटी और कॉलेज में संचालित होने वाली क्लासेस में छात्र-छात्राएं थ्योरी तो पढ़ते हैं, लेकिन प्रैक्टिकल में कमजोर रह जाते हैं। ईसीबी में स्थापित वर्चुअल लैब से विद्यार्थी शोध व अभियांत्रिकी के क्षेत्र में विभिन्न प्रयोग कर सकेंगे । यह लैब कैंपस प्लेसमेंट में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।