आगरा ।शमशाबाद से बस कुछ किमी दूर के खेत इन दिनों कुछ बदले- बदले दिखाई दे रहे हैं। खाली पड़े खेतों में अब अखाड़े नहीं जिम दिखाई देने लगे हैंं। जिसमें युवा तरह- तरह से पंच मारते हुए नजर आते हैं, ताकि लाकडाउन के दौरान उनकी जिम जाने की पूर्ति होती रहे। उनका स्वास्थ्य पहले की तरह बना रहे। तन, मन से वे स्वस्थ बने रहें। लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों का घरों से निकलना बंद कर दिया गया है। वे घरों में कैद हो होकर रहे गए हैं। जिससे उनका मॉर्निंग वाक व जिम जाना बंद हो गया है। ऐसे समय में फिटनेस को लेकर आगरा में शमसाबाद के गांव चंदौरा के युवाओं ने उसका विकल्प निकाल लिया है। इन दिनों खाली पड़े खेत में ही देसी साधनों से जिम बना लिया है और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए नियमित रूप से कसरत कर कर रहे हैं। शारीरिक दूरी बनाए रख कर लाकडाउन का भी पालन किया जा रहा है। ब्लाक शमसाबाद के चंदौरा गांव निवासी लड़के ने अपने खेत में देसी साधनों से जिम बनाकर उसमें मशीनरी का उपयोग ना करके रस्सा, ईट, लाठी का इस्तेमाल किया है। ये सभी साधन जिम पर कसरत करने वाली मशीनों की तरह बनाए हैं। इन देसी साधनों पर युवा ट्राईसेप्स शोल्डर, बाईसेप्स, लैग्स, बैक और चेस्ट की कसरत कर रहे है। ये युवा गांव के दर्जन युवाओं को यह फिटनेस टिप्स भी दे रहे हैं।

युवाओं ने अपने खेत पर 30 फुट चौड़े व 30 फुट लंबे क्षेत्र में जिम बनाया है। जिसमें ऐसे उपकरणों का उपयोग किया गया है। जो कृषि के काम में आते है तथा अनुपयोगी हो गए हैं। इसमें कोई लागत नही आई है। बंटी, नीरज, भूपेंद्र, प्रवेश, नेत्रपाल का कहना है कि इस जिम को लाक डाउन की उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इसकी विशेषता यह है कि यह खुले स्थान पर बनाया गया है तथा पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त ही नहीं बल्कि आवोहवा से तरोताजा रहता है। सुबह पांच बजे से लेकर सुबह साढे़ सात बजे तक इसका उपयोग युवा कर रहे हैं। शाम को भी युवा इसका उपयोग करते हैं। देसी जिम बनाने को इस तरह जुटाया सामान कोविड-19 के दौर में जिम के लिए सामान एकत्रित करना भी एक कड़ी परीक्षा थी