-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। राजस्थान सहित कई राज्यों में फर्जी हथियार लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं. इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है। गृह मंत्रालय ने इस पर चिंता जताते हुए राज्यों को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश जारी करने के साथ एक एडवाइजरी जारी की है। इससे बीकानेर का बहुचर्चित फर्जी हथियार लाईसेंस प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यह प्रकरण बीकानेर पुलिस परामर्श एवं सहायता केन्द्र के तत्कालीन एएसपी सुरेन्द्र सिंह की ओर से नयाशहर थाने में कई जनों के खिलाफ नामजद दर्ज कराया गया था।

प्रकरण की जांच में बीकानेर पुलिस ने डेढ सौ लोगों की सूची तैयार की थी,जिन्होंने नागालैंड से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाइसेंस बनाये थे। इनमें कई अपराधी,भू-माफिया और सियासी रसूखात वाले लोग शामिल थे। प्रकरण की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि नागालैण्ड से सर्वाधिक फर्जी लाईसेंस बीकानेर के संदिग्धों ने बनवाये थे। इस मामले में नामजद करीब चार-पांच जनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाया। पुलिस कार्यवाही के खौफ से कई जनों ने अपने लाईसेंस और हथियार पुलिस को सौंप दिये। फिर इस मामले में सियासी दबाव बढने से पुलिस कार्यवाही कमजोर पड़ गई। फिलहाल गृह मंत्रालय ने जो आदेश जारी किये है उनके मुताबिक देश के कुछ हिस्सों में लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा बिना सत्यापन के हथियार लाइसेंस जारी किए गए। इससे देश की आतंरिक सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है। सभी हथियार लाइसेंसों के रिकॉर्ड को दर्ज करने के लिए पोर्टल है,पोर्टल पर लाइसेंस की डिटेल अपलोड करने के लिए कई बार मौका दिया जा चुका है। इन पोर्टल पर लाइसेंस प्रविष्टी की अंतिम तारीख 29 जून निर्धारित की गई थी। इसके बाद फर्जी हथियार लाईसेंस वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की हिदायत भी दी गई है। ऐसे में आंशका जताई जा रही है कि गृह मंत्रालय के निर्देशों पर फर्जी हथियार लाईसेंस वालों के खिलाफ प्रदेशव्यापी स्तर पर मुहिम चलाई जा सकती है।