शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

आज बात एक बार फिर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर होगी । शुरुआत करेंगे भारतीय जनता पार्टी से ।‌ बीजेपी आलाकमान ने इस राज्य को जीतना अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ दिया है । पिछले कुछ महीनों से पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सियासत के सभी दांवपेच चल दिए हैं, जिससे बंगाल की सत्ता पर अपना सिंहासन कायम हो सके । लेकिन अभी भी भाजपा केंद्रीय आलाकमान को लग रहा है कि कहीं न कहीं कमी जरूर रह गई है । चलिए हम आपको बताते हैं वह क्या कमी है जो, पीएम मोदी और अमित शाह को अभी भी परेशान किए हुए है, वह है विधानसभा चुनाव के लिए बंगाल का एक ‘लोकप्रिय चेहरा’ । अभी तक भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष, तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में आए शुभेंद्र अधिकारी और पार्टी के सांसद बाबुल सुप्रियो से लेकर कई बंगाली मानुष पर भावी सीएम के रूप में रखा था लेकिन यह सभी हाईकमान की उम्मीदों पर फिट नहीं बैठ पा रहे हैं । इसी को लेकर पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में जाकर फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती से भी मुलाकात की थी, लेकिन अभिनेता मिथुन से ‘सौदा’ पट नहीं पाया । ‘थक हार कर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की निगाहें पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर आकर टिक गई है’ । पीएम मोदी और अमित शाह पिछले कुछ महीनों से सौरव गांगुली को पार्टी में लाने के लिए जोर लगाए हुए थे लेकिन गांगुली के अचानक खराब स्वास्थ्य के चलते बीजेपी अभी तक इस मिशन में कामयाब नहीं हो पाई है । एक बार फिर सौरव गांगुली के भाजपा ज्वाइन करने की अटकलें तेज हो गई हैं । 7 मार्च, रविवार को पीएम मोदी की कोलकाता चुनावी रैली में बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली भाजपा का दामन थाम सकते हैं ।

तृणमूल कांग्रेस के नए नारे ‘जनता बंगाल की बेटी चाहती है’ से पिछड़ रही है भाजपा—-

तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी पर बाहरी होने का आरोप लगाती रहीं हैं । ममता बनर्जी इस चुनाव में बंगाल की अस्मिता और माटी को लेकर भाजपा पर हमलावर हैं । ‍यहां हम आपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आगे रख ‘जनता बंगाल की बेटी चाहती है’ का नारा बुलंद करने में लगी हुई है । वहीं भारतीय जनता पार्टी अभी तक बंगाल में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी का नाम तय नहीं कर पा रही है । गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्‍य नेता शुरुआत से ही ये कहते आ रहे हैं कि पश्चिम बंगाल का मुख्‍यमंत्री कोई बंगाली ही बनेगा, बाहरी नहीं। बता देंगे 24 फरवरी कोअहमदाबाद के ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम’ के उद्घाटन के दौरान सौरव गांगुली ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की खूब तारीफ भी की थी । तभी से अटकलें लगनी शुरू हो गई थी कि गांगुली एक बार फिर भाजपा के करीब आ रहे हैं । वैसे आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें सामने आईं हों। अब एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि सौरव गांगुली को बीजेपी पश्चिम बंगाल में मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बना सकती है। इन अटकलों के बीच पीएम मोदी की रैली में गांगुली की उपस्थिति पर सबकी खास निगाहें बनी हुई है। दूसरी ओर भाजपा के प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य ने कोलकाता में कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पीएम मोदी की चुनावी रैली में हिस्सा लेना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि सौरव गांगुली भाजपा ज्वाइन न करें, क्योंकि गांगुली के मुख्यमंत्री ममता से भी काफी नजदीकियां हैं । हालांकि अभी तक न भाजपा ने और न ही सौरव गांगुली ने इसकी पुष्टि की है ।