बीकानेर।बिजली की बढ़ी दरों व पेट्रोल डीजल की मंहगाई सहित विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत आयोजित वर्चुअल मिटिंग को सम्बोधित करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला कमेटी सदस्य एडवोकेट बजरंग छींपा ने कहा कि पब्लिक सेक्टर की राज्य व केंद्रीय परियोजनाओं के विधुत प्लांटों से बेहद सस्ती बिजली मिल रही है, लेकिन कारपोरेट बिजली उत्पादन कंपनियों से लागत के सापेक्ष मंहगी दरों पर बिजली खरीदने से ही उपभोक्ताओं को पहले ही बेहद मंहगी दर से बिजली मिल रही है और बिजली बोर्डों को भारी घाटा भी उठाना पड़ा है। दरअसल कारपोरेट बिजली उत्पादन कंपनियों की मुनाफाखोरी व लूट को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने उनसे महंगी बिजली खरीद के समझौते किये हैं। पब्लिक सेक्टर की परियोजनाओं की उपेक्षा और उन्हें बर्बाद किया जा रहा है जबकि कारपोरेट बिजली कंपनियों को सस्ते दर से जमीन, लोन से लेकर तमाम सुविधाएं सरकार दे रही है। इसी नीति के तहत संपूर्ण बिजली महकमे के इंफ्रास्ट्रक्चर को कारपोरेट घरानों के हवाले करने की नीति ली जा रही है।

श्री छींपा ने कहा कि कारपोरेट बिजली कंपनियों का एकाधिकार होने के बाद बिजली की दरों में और ज्यादा इजाफा होगा। इसलिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी और निजीकरण के खिलाफ संघर्ष एक दूसरे के पूरक हैं और आम जनता को बिजली की दरों में बढ़ोतरी सहित पब्लिक सेक्टर के किये जा रहे अंधाधुंध निजीकरण का विरोध राष्ट्रहित में है।