नई दिल्ली, 10 नवंबर 2020। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए राज्य की जनता अपने जनादेश को वोटिंग मशीनों में दर्ज कर चुकी है। अब समय है जनादेश की क्यारियों से नतीजों के फूल खिलने की। किसके हिस्से में खुशबू है और किसको मिलेंगे कांटे… ये रुझान अब आने शुरू हो गए हैं। अभी तक के रुझानों में बिहार में महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। चुनाव आयोग का कहना है कि अंतिम नतीजे के लिए देर रात तक इंतजार करना पड़ सकता है। दोपहर 3 बजे तक के रुझानों के अनुसार, बिहार में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है। एनडीए रुझानों में 130 सीटों के आसपास है और महागठबंधन 100 सीटों के करीब सिमट रहा है। जबकि अन्य के खाते में 10 सीटें आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी बिहार में सीटों के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है और 70 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है। जबकि राजद दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है, राजद अभी 60 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। महागठबंधन में कांग्रेस 20 सीटों पर आगे है, जबकि एनडीए में जदयू 50 सीटों के आसपास बढ़त बनाए हुए है।

देर रात तक आएंगे नतीजे: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे देर रात तक आएंगे। कोरोना संकट काल में कई सावधानियों के साथ वोटों की गिनती हो रही है, साथ ही काउंटिंग बूथ की संख्या भी करीब 50 फीसदी तक बढ़ी है। कई सीटें ऐसी हैं, जहां पर इस बार 19 से 51 राउंड तक वोटों की गिनती होनी है। दोपहर ढाई बजे तक करीब 1.34 करोड़ वोट गिने गए, जबकि तीन करोड़ से अधिक वोट गिने जाने बाकी हैं।

कहीं पर जश्न, कहीं हो रहा इंतजार
बिहार में रुझानों में बाजी लगातार पलट रही है, शुरू में महागठबंधन बढ़त बनाए हुए था तो वहीं अब एनडीए आगे चल रहा है। ऐसे में समर्थकों के जश्न पर भी असर पड़ रहा है। दोपहर को एनडीए समर्थकों ने ढोल बजाने शुरू किए, लेकिन चुनाव आयोग ने जब कहा कि अंतिम नतीजे रात तक आएंगे। तो दोनों गठबंधन की ओर से अब सावधानी बरती जा रही है।

बिहार के दिल में का बा?
कोरोना काल में यह देश का पहला चुनाव है। हिंदी पट्टी के लिए आम चुनावों और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद बिहार तीसरा सबसे अहम चुनाव माना जाता है। इसीलिए हिम्मत और दुस्साहस के बीच बड़ी संख्या में लोग निकले, रैलियां हुईं और वोट पड़े। अब समय मतगणना का है। यह देखने का है कि बिहार के दिल में का बा। बिहार में महागठबंधन बनाम एनडीए की कांटेदार जंग देखने को मिली। आज का जनादेश बिहार में पिछले 15 साल की नीतीश कुमार सरकार पर लोगों का फैसला तो होगा ही, बिहार की राजनीति के लिए भी एक खास संदेश लेकर आएगा क्योंकि बिहार में राजनीति के एक ढलती पीढ़ी को नई पीढ़ी ने सीधी चुनौती दी है और जनता को नए-पुराने के बीच अपना आगे का भविष्य चुनना है। नीतीश कुमार को 31 साल के युवा तेजस्वी यादव सीधी टक्कर दे रहे हैं। तमाम एक्जिट पोल के रुझान बदलाव के संकेत दे रहे हैं। राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों पर इस बार तीन चरणों में हुए मतदान की मंगलवार को हो रही गिनती इस बदलाव के संकेतों का अंतिम सच सामने लाने वाली है।

243 सीटों पर तीन चरणों में हुआ मतदान
हिन्दी पट्टी के राज्यों में अहम प्रदेश माने जाने वाले बिहार में इस बार तीन चरणों में मतदान हुआ। कुल 243 सीटों पर 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को वोट डाले गए। पहले चरण में कुल 71 सीटों पर 53.54 फीसदी, दूसरे चरण में 94 सीटों पर 54.05 फीसदी और तीसरे चरण में 78 सीटों पर 59.94 फीसदी मतदान हुआ। कोरोना के चलते ऐसा लग रहा था कि शायद मतदान में लोग कम हिस्सा लें और प्रचार का रंग फीका रहने से शायद चुनाव की तपिश महसूस न हो। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से लेकर तेजस्वी की तूफानी सभाओं तक बिहार लिट्टी की आंच की तरह एक चुनावी गर्मी के दिखा। लोगों ने सक्रियता से मतदान में हिस्सा लिया और कोरोना एक बड़ी वैश्विक चुनौती होकर भी मतदान में बाधा नहीं बन सका। मतदान के लिए कोरोना को ध्यान में रखते हुए खास इंतज़ाम भी किए गए जिसके कारण लोग मतदान के लिए थोड़ा सहज ही रहे।