बीकानेर। बिजली कम्पनियां अपने घाटे की पूर्ति अब आम उपभोक्ता से कर सकती हैं।

पहले से ही औद्योगिक दरों में बढ़ोतरी से जूझ रहे बीकानेर जिला उद्योग संघ इसका विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव विनोद गोयल ने राज्य सरकार द्वारा विद्युत निगमों के घाटे की पूर्ति के लिए औद्योगिक विद्युत दरों में सम्भावित वृद्धि के विरोध में राजस्थान विद्युत नियामक आयोग को पत्र भिजवाया। पचीसिया ने बताया कि प्रदेश की बिजली वितरण कम्पनियों ने घरेलू व अघरेलू उपभोक्ताओं का 25 फीसदी तक बिजली बिल बढ़ाने की टैरिफ याचिका राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में दायर की है। साथ ही बिजली की रेट बढाने के विरोध में आम उपभोक्ताओं व संगठनों से 4 अक्टूबर 2019 तक राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में दर्ज करवाने के लिए कहा गया था।

इन आपत्तियों के आधार पर ही आयोग सुनवाई कर टैरिफ याचिका को लेकर आदेश जारी करेगा। जिसके लिए उद्योग संघ ने भी आयोग को प्रतिवेदन भेजकर प्रस्तावित विद्युत दरों की बढ़ोतरी के लिए विरोध प्रकट करते हुए यह सुझाव भी दिया है कि राज्य में औद्योगिक विद्युत की दरें देश के अन्य राज्यों की तुलना में पहले ही काफी अधिक है और इस कारण यहाँ के उद्योग भी दूसरे राज्यों की अपेक्षा पिछड़ रहे हैं ऐसे हालातों में भी यदि आयोग औद्योगिक अहित की नीति अपनाएगा तो बीकानेर जिला उद्योग संघ इसका भरपूर विरोध करेगा।