बीकानेर। स्थानीय माहेश्वरी समाज ने अपना उत्पत्ति दिवस बड़े ही प्रसन्नतापूर्वक व सादगी रूप से मनाया। श्रीकृष्ण माहेश्वरी मण्डल मीडिया प्रभारी पवन राठी के अनुसार इस वर्ष यह कार्यक्रम सामूहिक एवं वृहद्धस्तर पर न मनाकर अपने परिवार के सदस्यों के साथ पारिवारिक रूप से मनाते हुए अपनी परम्परा का निर्वहन किया।

मण्डल अध्यक्ष नारायण बिहाणी के अनुसार प्रातः मण्डल कार्यालय में सरकारी एडवाईजरी का पालन करते हुए मण्डल के कुछ सदस्यों की उपस्थिति में ही भगवान महेश परिवार की पूजा अर्चना, आरती व महेश वंदना की गई। इस अवसर पर मंत्री गोपाल कृष्ण मोहता ने पर्व के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान महेश के आशीर्वाद से ही हथियार सहित राजपूत सरदार से हम माहेश्वरी बने। इस दिन भगवान महेश की पूजा के साथ हथियार परिवर्तित पेन, दवात व तराजू की पूजा का विशेष महत्त्व माना गया है। कोषाध्यक्ष शिवकुमार चाण्डक के अनुसार इस अवसर पर सत्यनारायण डागा, मनमोहन लोहिया, सत्यनारायण (बाबू) बिहाणी आदि उपस्थित थे।

मण्डल उपाध्यक्ष किसन चाण्डक ने मण्डल मीडिया प्रभारी पवन राठी को दूरभाष पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार समाज के सभी लोगों ने सरकारी आदेशानुसार बिना एकत्रित हुए इस उत्पत्ति दिवस को अपने परिवार के सदस्यों के साथ मनाते हुए प्रातः भगवान महेश का अभिषेक, महेश परिवार की पूजा-अर्चना, आरती व सामूहिक महेश वंदना की। दोपहर में चावल-दाल, लापसी का प्रसाद बनाकर महेश परिवार को भोग लगाकर सामूहिक रूप से परिवार के सदस्यों के साथ प्रसाद ग्रहण किया।

मंत्री गोपाल मोहता ने भी मीडिया प्रभारी को बताया कि इस पावन पर्व पर समाज के सदस्यों ने शाम को अपने घरों पर दीपमाला के रूप में दीपक जलाकर शंखनाद व घंटी बजाकर अपने वार्षिकोत्सव मनाते हुए अपनी वर्षों पुरानी संस्कृति का पालन किया।
डागा चैक स्थित महेश भवन महिला समिति कार्यालय पर महेश भवन ट्रस्टी सदस्य, श्रीकृष्ण माहेश्वरी मण्डल के सदस्य, माहेश्वरी महिला समिति सदस्याऐं और समाज के प्रबुद्धजनों ने मास्क लगाकर व सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए भगवान महेश परिवार की पूजा व आरती के साथ महेश वंदना भी की तथा भगवान महेश न केवल माहेश्वरी समाज अपितु सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में व्याप्त वैश्विक महामारी कोरोना जैसी भयानक बीमारी से शीघ्र निजात दिलाते हुए शांति, सुख एवं समृद्धि की प्रार्थना की।
इस अवसर पर नारायण बिहाणी, गोपाल कृष्ण मोहता, शिव कुमार चाण्डक, जुगल राठी, किसन चाण्डक, मगनलाल चाण्डक, रेखा लोहिया, सरला लोहिया, माला लखोटिया, मनमोहन लोहिया, घनश्याम कल्याणी, नारायण दम्माणी, गोपीकिसन पेड़िवाल, भवानी राठी आदि विशिष्ट लोग ही उपस्थित थे।