-मुकेश पूनिया-
प्रदेश सत्तारूढ होने के बावजूद कांग्रेस बीकानेर के निकाय चुनावों में पटखनी खा गई। खबर है कि चुनावी कमान पावरफुल मंत्री डॉ.बीडी कल्ला के हाथ में होने के बावजूद पार्टी की हार पर मंथन तेज हो गया है। शुरूआती मंथन में जो कारण सामने आया है उसके मुताबिक यहां कांग्रेसियों ने ही कांग्रेस की कब्र खोदी है,जो टिकट के बंटवारें को लेकर उपजे माहौल के बाद ही पार्टी प्रत्याशियों के लिये हार जमीन तैयार करने में जुट गये थे। जानकारी में रहे कि नगर निगम के अस्सी वार्डो के लिये हुए चुनावों में भाजपा के 38 तथा कांग्रेस के 30 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कराई है,वहीं 11 वार्डो में निर्दलीय और 1 वार्ड में कांग्रेस की बागी बनकर बसपा से मैदान में उतरी प्रत्याशी ने जीत का परचम फहराया है।

सियासी विश्लेषकों की मानें तो प्रदेश में सत्तारूढ होने के कारण बीकानेर निकाय चुनावों में कांग्रेस की बड़ी जीत तय मानी जा रही थी,इसके लिये पार्टी ने हर वार्ड में अपने मजबूत और कृतव्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं को टिकट देकर मैदान में उतारा,लेकिन विरोधी लॉबी के कांग्रेसियों ने आधे से ज्यादा वार्डो में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ बागी उम्मीदवार उतार दिये,बागियों के कारण बिगड़े चुनावी समीकरणों से करीब 25 वार्डो में कांग्रेस को भाजपा और निर्दलीयों से शिकस्त खानी पड़ी। कई वार्डो में पार्टी के बागी उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस के नामी चेहरे खुलकर प्रचार में जुटे हुए थे,वहीं अनेक वार्डो में अंदरखाने कांग्रेस प्रत्याशी की जड़े कमजोर करने में जुटे रहे।

हालांकि भीतरघात भाजपा में भी कम नहीं था लेकिन भाजपा के खेमें के कुछे एक नेताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा था,मगर इधर कांग्रेसी खेमें में तो विरोधी लॉबी की पूरी बटालियन कांग्रेस की कब्र खोदने में जुटी थी,इनमें कई नेताओं खुलकर उजागर भी हो गये है। हालांकि अब निकाय चुनाव निपट गये और भाजपा नगर निगम बोर्ड पर कब्जा कायम करने मेें सफल हो गई,इससे कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकार डॉ.बीडी कल्ला,कन्हैयालाल झंवर और उनकी लॉबी से जुड़े नेताओं को फजीहत का सामना भी करना पड़ रहा है,लेकिन एक बात साफतौर पर जाहिर हो गई कि बीकानेर कांग्रेस की लंका किसी गैर ने नहीं बल्कि कांग्रेसियों ने ही लूटवाई है।