श्रीगंगानगर।[गोविंद गोयल] फरलो की जिस अर्जी पर कई दिन मेँ निर्णय लेना होता है, वह 24 घंटे मेँ ले लिया गया। क्योंकि मामला सरकार बनाने और उसे बचाये रखने से जुड़ा था। तिहाड़ जेल मेँ बंद अजय सिंह चौटाला को 15 दिन के लिये छुट्टी मिल गई है। इन शब्दों के आप तक पहुँचने तक शायद वे जेल से बाहर भी आ चुके होंगे।

ये सब संभव हुआ, विदेश मेँ शिक्षित उनके बेटे दुष्यंत चौटाला की काबिलियत के कारण। आज जेल मेँ बंद प्रत्येक बाप दुष्यंत चौटाला जैसे बेटे की कामना कर रहा होगा। वह दुष्यंत चौटाला, जिसने अपने पिता अजय सिंह चौटाला को 15 दिन की छुट्टी दिलवाई। उसी तिहाड़ मेँ बंद ओम प्रकाश चौटाला सोच रहे होंगे कि काश दुष्यंत पोते की जगह मेरा बेटा होता! और नहीं तो कुछ दिन जेल से बाहर रहने का मौका तो मिल जाता। खैर! दुष्यंत चौटाला ने वही किया जो उसे करना चाहिये था।