मंदिरों में नियमित दर्शन व पूजा करें-साध्वीश्री शशि प्रभा म.सा.बीकानेर, 23 अक्टूबर । जैनाचार्य जिन मणि प्रभ सूरिश्वर जी.म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री शशि प्रभा म.सा की साक्षी में बुधवार को बैदों के चैक के भगवान महावीरजी के मंदिर में 251 दुर्लभ मूर्तियों का अभिषेक पूजन व 18 अभिषेक किया गया।श्री जैन श्वेताम्बर महावीरजी का मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गौतम सिंह बैद व मंत्री सुरेश बैद ने बताया कि पूजन व अभिषेक के दौरान नियमित पूजन की जा रही 40 प्रतिमाओं सहित मंदिर की 251 दुर्लभ मूर्तियों का अभिषेक किया गया।

दुर्लभ प्रतिमाओं में चैबीस तीर्थंकरों की डबल, सिंगल परिकरों व कुछ बिना परिकरों की है। उन्होंने बताया कि मूलनायक भगवान महावीर स्वामी के 4 किलो चांदी का परिकर श्रावक सुन्दरलाल, विजयचंद बैद की ओर से अर्पण किया किया गया। आरती की बोली का भी लाभ इसी परिवार ने लिया। जबकि बालुई स्वर्ण लेप से बनी 2500 साल पुरानी प्रतिमा में स्वर्णलेप के अंकिता विनय बैद तथा अंगी के रतन लाल पुखराज सिपानी लाभार्थी थे। लाभार्थी श्रावक-श्राविकाओं को साध्वीश्री शशि प्रभा ने आशीर्वाद दिया तथा मंदिर में नियमित दर्शन व पूजा अर्चना करें। इससे जिन शासन की प्रभावाना बढ़ेगी।अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने जैनाचार्यों, आचार्यों व उपाध्यायों द्वारा सिद्धमंत्रों से धूप,दीप, पुष्प, नेवैद्य आदि से पूजन किया। मूलनायक भगवान महावीर के साथ सहस्त्रफणा चिंतामणी पाश्र्वनाथ, चन्द्र प्रभु, भगवान शंखेश्वर पाश्र्वनाथ, भगवान शांतिनाथ, श्री सिद्धचक्र आराधना मंदिर, मणिभद्र वीरदेव मंदिर की प्रतिमाओं का अभिषेक व पूजन किया। पूजन के दौरान विधिकारक मोहितभाई शाह, मनोज बैद, सत्येन्द्र, संजय बैद, वीरेन्द्र आभाणी,, जयपुर की सुनीता बेन ने भक्ति गीत प्रस्तुत किए। ट्रस्ट के अध्यक्ष गौतमसिंह व मंत्री सुरेश वैद ने मंदिर के जीर्णोंद्धार व विकास की विनती साध्वीश्री शशि प्रभा म.सा. से की। इस संबंध में एक विनती पत्र भी दिया।

ढढ्ढा कोटड़ी में संस्कार शिविर आज सेश्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्री संघ व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की स्थानीय इकाई के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को साध्वीश्री शशि प्रभा के सान्निध्य में बागड़ी मोहल्ले की ढढ्ढा कोटड़ी में तीन दिवसीय संस्कार जागरण शिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। केयूप के अध्यक्ष राजीव खजांची ने बताया कि सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक चलने वाले शिविर में 8 से 25 वर्ष तक के बालक, किशोर व युवा हिस्सा लें सकेंगे। शिविर के लिए अनेक बालक बालिकाओं ने पंजीयन करवाया है। शिविर में बच्चों को बाहर से आए प्रशिक्षक प्रशिक्षण देंगे।