-पायलट गुट वापस लौटा, कोर्ट के फैसले के बाद मंत्रिमंडल विस्तार
हरीश गुप्ता
जयपुर। सचिन पायलट गुट के चाणक्य भंवर लाल शर्मा के मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने के साथ ही करीब 1 महीने से चल रहा सियासी संकट दूर हो गया। संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार तक सभी असंतुष्ट विधायक घर लौट आएंगे।
गौरतलब है हमने 8 अगस्त को ‘गहलोत सरकार पर कोई संकट नहीं’ शीर्षक से एक समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। समाचार में बताया गया था कि विधायकों की गणित के हिसाब से अब सरकार पर कोई संकट नहीं है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार को सचिन पायलट ने दिल्ली में पार्टी आलाकमान राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से मुलाकात की थी। बताया जाता है उन्हें संकेत दिए गए पहले आप घर वापसी करें सब ठीक हो जाएगा। उधर पायलट गुट के विधायक भी वहां बैठे-बैठे परेशान हो चुके थे, वह तो कई बार कोई रास्ता निकालने का दबाव बना रहे थे।
जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम पायलट गुट के चाणक्य भंवर लाल शर्मा मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। करीब आधे घंटे चर्चा के बाद वे बिना किसी से बात किए वहां से चल दिए।

सूत्रों की मानें तो पायलट गुट की शुरू से ही मांग थी कि सीएम बदला जाए, लेकिन पार्टी सुप्रीमो इसके लिए तैयार नहीं थी। उधर 14 अगस्त नजदीक आते देख पायलट गुट को डर था कि पार्टी कि व्हिप के खिलाफ गए तो 6 साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। उधर संख्या कम होने के कारण भाजपा भी इस गुट को गले नहीं लगा रही थी।
सूत्रों ने बताया कि भंवरलाल शर्मा के मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सारी स्थितियां साफ हो गई है। इस समूचे घटनाक्रम के बाद अशोक गहलोत का कद देश में और बढ़ गया है। अब वह एक पावरफुल नेता बनकर उभरे हैं। रहा मंत्रिमंडल का विस्तार तो बसपा मामले में कोर्ट के फैसले के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। विस्तार में हो सकता है गहलोत के प्रिय को बलि देनी पड़ जाए।
सूत्रों ने बताया चर्चा इस बात की जोरों पर है, पायलट गुट के ठंडे पड़ने के पीछे भाजपा की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे भी एक हैं।