बीकानेर। सत्संग बराबर सुनते रहोगे तो यह अंदर बैठती रहेगी और शरीर में व्याप्त काम,क्रोध,लोभ,मोह जैसी संसारिक मनोवृतियां अपने आप छूटती चली जाएगी। भगवान कहते हैं कि मुझे पाने की एक ही शर्त है, मुझसे प्रेम करो और केवल मुझसे ही प्रेम करो। भगवान को सच्चे मन से ध्यान करने वाला भक्त उन्हें प्राप्त करता ही है। यह सद्विचार क्षमारामजी महाराज ने गोपेश्वर महादेव मंदिर मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करते हुए कहे। भगवान को केवल अन्तरात्मा से ही देखा जा सकता है। हरणकश्यप को भगवान नजर नहीं आते और भक्त प्रहलाद उन्हें हर जगह पाता है।

भक्त प्रहलाद और हरणकश्यप का प्रसंग बताते हुए क्षमाराम महाराज ने कहा कि भक्त प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति अगाध आस्था देखकर और अपने प्रति अपने पुत्र में भगवत भाव ना पाकर हिरनाकश्यप इतना क्रोधित हुआ कि उसने प्रह्लाद को बंदी बना लिया। साथ ही उससे कहा कि बता तेरा भगवान कहां है, अगर कहीं पर है तो उसे बुला। इस पर प्रह्लाद ने कहा कि में क्या यह कोई नहीं बता सकता कि भगवान कहां है। अगर मैं कहता हूं कि भगवान यहां तो वहां नहीं और यहां तो वहां नहीं। भगवान तो सब जगह है, मुझे तो वह हर जगह नजर आते हैं। इतना कहने पर हरणकश्यप भक्त प्रह्लाद को मारने का हुक्म देता है और प्रह्लाद भगवान की स्तुति करता है तब भगवान लोहे के पोल से सिंह रूप में प्रकट होते हैं और हरणकश्यप का नाश करते हैं। लेकिन इसमें भी वे उसे सद्गति प्रदान करते हैं। भक्त प्रहलाद अपने पिता से बहुत प्रेम करते थे इसलिए वे उनके मृत्यु के पश्चात भगवान से कुछ मांगने का अवसर आता है तो उनके कल्याण की कामना करते हैं।

क्षमारामजी महाराज ने उपस्थित मातृशक्ति से कहा कि श्रूंगार से हो सके उतना दूर रहना चाहिए। यह नुकसानदायक है, यह शरीर में कामुकता पैदा करता है। अकेले में चाहे कोई पुरुष हो या स्त्री वार्तालाप से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखने योग्य बातें है। शास्त्रों में इसका निषेध है। ऐसा करने पर स्त्री के चित्त में पुरुष का और पुरुष के चित्त में स्त्री बस जाती है।

क्षमारामजी ने श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराने का महात्मय बताते हुए कहा कि इससे यह भोजन पित्तरों को मिलता है। इस भोजन को करने वाले ब्राह्मण बहुत सी दैनिक वृत्तियों का निषेद्य रखते हैं।
सोमवार को मनाया जाएगा नन्दोत्सव
श्रीमद् भागवत कथा समिति के गोपाल अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को कथा स्थल पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर कथा पण्डाल को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है। तैयारी को लेकर समिति के पदाधिकारियों ने बैठक कर विचार-विमर्श किया एवं आयोजन की रूपरेखा तैयार की।