-अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को जी-7 सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया
3 जून – ओम एक्सप्रेस

– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगली जी-7 समूह की बैठक (G-7 Summit) में शामिल होने का न्योता दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने 02 जून 2020 को राष्ट्रपति ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों पर चिंता भी जताई।

इस टेलीफोनिक बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने दोनों देशों में कोविड-19 की स्थिति, भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद और विश्व स्वास्थ संगठन में सुधार की जरूरतों जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की. इस बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में होने वाली अगली जी-7 समूह की बैठक में हिस्सा लेने का न्योता दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 में भारत सहित अन्य महत्वपूर्ण देशों को शामिल करने हेतु इसका विस्तार करने की इच्छा जताई. जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर चीन ने हाल ही में नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जताई है।

-: भारत को होगी खुशी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रस्तावित शिखर सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए भारत अमेरिका और अन्य देशों के साथ काम करके खुश होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका चर्चाओं की समृद्धता और गहराई कोविड के बाद की वैश्विक संरचना में एक महत्वपूर्ण स्तंभ होगी-

-: पीएम ने 2019 में भी की थी इस बैठक में शिरकत

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले भी साल 2019 में राष्ट्रपति ट्रंप के न्योते पर जी-7 समिट में शिरकत कर चुके हैं. ये समिट साल 2019 में फ्रांस में हुई थी जहां पीएम मोदी विशेष अतिथि के तौर पर इस बैठक में शरीक हुए थे. भारत जी-7 समूह का सदस्य देश नहीं है।

-:जी-7 सम्मेलन के बारे में

जी-7 दुनिया की शीर्ष सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा शामिल हैं. जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए इन देशों के प्रमुखों की हर साल बैठक होती है. राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-7 की बैठक सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. उन्होंने इच्छा व्यक्त की है कि इस संगठन का विस्तार किया जाए तथा इसमें भारत और तीन अन्य देशों को शामिल किया जाए तथा इसे जी-10 या जी-11 बनाया जाए.