– उच्च न्यायालय ने मांगा राज्य सरकार से जवाब

राज्य सरकार एक तरफ गायो के रखरखाव के नाम पर जनता से स्टाम्प पर 20 फीसदी सरचार्ज शुल्क वसूल कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में 9 लाख से ज्यादा गायों के पेट भरने का संकट उत्पन्न होगया है । भूख से बिलबिलाती गोमाता का भरण पोषण कैसे होगा, इस संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार से अगले माह की 3 तारीख को जवाब तलब किया है ।

वरिष्ठ पत्रकार महेश झालानी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश एसके शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया । याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता दीनदयाल खंडेलवाल ने कहाकि हिन्दू धर्म मे गोमाता का महत्वपूर्ण स्थान है । इसी को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने स्टाम्प एक्ट में संशोधन करते हुए गोशालाओं के लिए 20 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी सरचार्ज राशि एकत्रित करने का प्रावधान किया है ताकि गायों को पर्याप्त आहार मुहैया हो सके ।

याचिका के माध्यम से महेश झालानी ने न्यायालय को बताया कि प्रदेश में करीब 25 हजार गोशालाओं के माध्यम से 9 लाख गायों को चारे का बंदोबस्त किया जा रहा था । राज्य सरकार ने बजाय बजट में इजाफा करने के बजाय अचानक गोशालाओं के अनुदान में 40 प्रतिशत की कटौती करदी है जिससे गायों के समक्ष चारे का संकट उत्पन्न होगया है । सरकार द्वारा अनुदान में कटौती करना गोमाता के साथ सरासर अन्याय है । कोरोना के चलते हुए दानदाताओ ने भी अपने हाथ खेंच लिए है । ऐसे में गायों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होगई है ।

खंडपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता शीतल मिर्धा को याचिका की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए अगले माह 3 नवम्बर को राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है ।