लखनऊ।उत्तर प्रदेश में अनियमितता व शासकीय कार्य में लापरवाही के आरोप में 3 सहायक सम्भागीय अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले के एक मामले की सीबीआई जांच में इन तीनों की भी भूमिका पाई गई. जबकि सरकारी वाहन की सीरीज को आम लोगों को आवंटित किए जाने के मामले में 2 एआरटीओ के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की गई है. प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने बताया कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की गई.

उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. सीबीआई जबलपुर में कनारा बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच कर रही थी. जांच में पाया गया कि वहां बैंक मैनेजर ने फर्जी दस्तावेजों पर 50 से अधिक लोगों को ट्रक जैसे बड़े वाहनों पर लोन स्वीकृत कर दिया.

जांच में पाया गया कि इनमें से 10 वाहन यूपी में पंजीकर हुए. इन वाहनों को बनाने वाली कंपनी ने सीबीआई को बताया कि जिन इंजन व चेसिस नंबरों पर यह वाहन पंजीकृत किए गए उन वाहनों को कंपनी ने बनाया ही नहीं. जांच में साबित हुआ कि 3 सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारियों ने इन वाहनों की बगैर जांच किए और दस्तावेजों का परीक्षण किए बिना आपराधिक मंशा रखते हुए पंजीकरण कर दिया.