मध्य प्रदेश की राजनीति मे ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावत और इस्तीफे के बाद ऊनके समर्थक 23 विधायको द्वारा सामूहिक इस्तीफे से कमलनाथ सरकार का तख्ता पलट की आंच आ गई है ।

इसका असर राजस्थान की गहलोत सरकार पर भी आने लगा है । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के बीच सरकार गठन से ही चल रहे विवाद से सब परिचित है । हाल ही मे राज्यसभा की दो सीटो के होने वाले चुनावो को लेकर प्रत्याशियो को लेकर गहलोत और सचिन पायलट मे फिर तकरार हो गई है । इसको लेकर दो दिन पूर्व कांग्रेस सुप्रीमों सोनिया गांधी ने गहलोत से मुलाकात के बाद गहलोत को फटकार भी लगाई थी लेकिन कोई नतीजा नही आने और सहमति नही बनने पर और फिर एकाएक मध्य प्रदेश मे घटे घटनाक्रम से गहलोत सरकार पर भी सकंट मंडराने लगा है ।

ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट दोनो अच्छे दोस्त है ऐसे मे इसमे कोई अतिशयोक्ति नहीं की राजस्थान मे भी मध्य प्रदेश की कहानी दोहराई जा सकती है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद को लेकर सोनिया गांधी ने आज गहलोत को दिल्ली तलब किया है । सूत्रो के अनुसार इस मुलाकात मे राज्यसभा चुनावो मे प्रत्याशियो को लेकर सोनिया चर्चा करेगी ।

दिल्ली गहलोत तलब

राजस्थान की राजनीति में भी बढ़ी सरगर्मी
मध्य प्रदेश के घटनाक्रम और गहलोत व सचिन पायलट के बीच खींचतान खो लेकर प्रदेश के एक खेमे में भी खलबली मच गई है। सूत्रो के अनुसार पायलट खेमे से जुडे 5-7 मंत्रियों मा. भंवरलाल मेघवाल,विश्वेंद्र सिंह,उदय लाल आंजना,प्रमोद जैन भाया,रमेश मीना,भजन लालजाटव, प्रताप सिह खाचरियावास पर भी निगाहे। एक दर्जन विधायको पर भी नजर रखी जा रही है । गहलोत ओर कांग्रेस आलाकमान दोनो की पैनी नजर राज्य सभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए भी नजर रखे हुए है ।