बीकानेर, 10 अक्टूबर। साहब आज भी महात्मा गांधी नरेगा में हम लोगों को रोजगार मिल सकता है क्या? हमें तो यही जानकारी है कि अब मनरेगा में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य नहीं होता है। यह बात गुरूवार को पांचू पंचायत समिति के पारवा गांव में एक स्वर में ग्रामीणों ने जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम से पूछी। यह बात तब ग्रामीणों ने कही जब जिला कलक्टर ने जब ग्रामीणों से पूछा कि मनेरगा में कार्य क्यों नहीं करते हो…..? गौतम ने विकास अधिकारी और ग्राम सेवक से पूछा कि मनेरगा में यहाँ कितने श्रमिक कार्यरत है, तो बताया गया कि 96 श्रमिक कार्यरत हैं और पूरा वाक्य यह था कि यह 96 श्रमिक भी प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यक्तिगत लाभ योजना के तहत लगे थे। अन्य कार्य यहाँ नहीं करवाने का कोई जवाब अधिकारियों के पास नहीं था।

जिला कलक्टर ने कहा कि विकास अधिकारी, ग्राम सेवक सहित सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करलें कि शुक्रवार से गांव में भ्रमण कर मनरेगा में चिन्हित सभी लोगों कों फाॅर्म नम्बर 6 उपलब्ध करवायेंगे और मनरेगा के तहत होने वाले कार्य स्वीकृत करने की कार्यवाही कर सोमवार से श्रमिकों को रोजगार पर लगाया जाए, अन्यथा संबंधित के विरूद्ध राजकीय सेवा नियमों के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पारवा व उसके आसपास के गांवों में पीने के पानी की आपूर्ति व्यवस्थित की जाए।

संबंधित अभियन्ता यह सुनिश्चित करें कि इस क्षेत्र के सभी जीएलआर ठीक से कार्य करते रहें और जीएलआर की सफाई नियमित रूप से हो। सफाई के समय स्थानीय नागरिक आवश्यक रूप से उपस्थित रहंे।
रात्रि चैपाल में ग्रामीणों ने बताया कि पारवा व मान्याणा गांव मे बिजली की समस्या है। कृषि व घरेलू कनेक्शन बड़ी संख्या में पैण्डिंग है। गौतम ने कहा कि अगले 20 दिनों में मान्याणा गांव में 33 केवी का जीएसएस स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सड़क व नाली निर्माण के कार्य भी 15 अक्टूबर से प्रारंभ किए जाएं। पारवा गांव से जुड़े राष्ट्रीय राजमार्ग पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम का बस स्टाॅपेज हो, इसके लिए जिला मुख्यालय पर स्थित परिवहन विभाग के अधिकारियों को शुक्रवार को ही पाबंद किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि वे अपने मोबाईल फोन पर ग्रामीणों की समस्याएं आवश्यक रूप से सुनकर निस्तारण करें।
कलक्टर ने ली परीक्षा, छात्र हुए फेल
रात्रि चैपाल के दौरान स्कूलों की व्यवस्था पर बातचीत प्रारंभ हुई, तो चैपाल में बैठे छात्रों में से जिला कलक्टर ने दो छात्रों को बुलाया। इनमें एक राजकीय विद्यालय का सातवीं कक्षा का छात्र था, तो दूसरा छात्र निजी विद्यालय का था। दोनों ही छात्र अंग्रेजी की वर्णमाला नहीं लिख सके। तभी एक अध्यापक ने कहा कि साहब यह बच्चा गणित में होशियार है, इस पर गणित का एक छोटा भाग (डिवाईडेशन) करने को कहा गया। मगर अध्यापक द्वारा बताया गया छात्र गणित का प्रश्न भी हल नहीं कर सका। रात्रि चैपाल में उपखंड अधिकारी सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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