करनाल तहसील में सीएम को देख लोगों ने रोना दुखड़ा, सीएम ने मौके पर लिया संज्ञान


करनाल। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज अचानक अपने विधानसभा स्थित करनाल तहसील कार्यालय में छापामारी की। इस दौराना वहां मौजूद लोगों ने सीएम को मौके पर देख अपना रोना सीएम के समक्ष रोया, जिस के बाद तहसील कार्यालय की कारगुजारी का पता चलते हुए सीएम एक्शन मोड़ में आ गए और तुरंत संज्ञान लेते हुए टोकन नम्बर से लेकर रजिस्ट्री की डिलीवरी के बारें में जब तहसीलदार रविंद्र मलिक से जानकारी मांगी तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बस फिर क्या था, मुख्यमंत्री ने मौके पर ही तहसीलदार रविन्द्र मलिक, नायब तहसीलदार हवा सिंह पूनियां व रजिस्ट्री क्लर्क राजबीर सिंह को तुंरत प्रभाव से निलंबित कर दिया और आदेश दिए कि इन्हें तुंरत प्रभाव से हैडक्वाटर भेजा जाए और यहां पर दुसरे अधिकारियों की नियुक्ती कर दी जाएगी।

इतना ही नहीं सीएम ने एक महिला पटवारी द्वारा पिछले 9 दिनों से एक व्यक्ति को परेशान किए जाने से संबंधित एक अन्य शिकायत पर भी सज्ञांत लेते हुए सीएम ने महिला पटवारी सलमा को भी निलंबित कर दिया। सीएम की इस कार्यवाही से तहसील में सीएम मनोहर लाल के नाम से नारे लगने शुरू हो गए और मौके पर उपस्थित लोगों ने सीएम की इस कार्यवाही पर जोरदार तालियां बजाकर इस कार्यवाही भरपूर सहराना की। लोगों का कहना था कि सीएम को ऐसी कार्यवाही करनाल आने पर अन्जाम देते रहना चाहिए, तभी भ्रष्टाचार पर लगाम लग पाएगी। तहसील कार्यालय के सीएम की छापामारी के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार भ्रष्टïाचार पर रोक लगाने के लिए कृत संकल्प है। भ्रष्टïचार किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टï अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसी ही एक शिकायत गुरूग्राम जिला में तहसीलदार के खिलाफ मिली थी, उनके विरूद्ध भी कार्यवाही करते हुए तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि तहसील कार्यालय के अलावा किसी भी अन्य विभाग में इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है, तो इसकी सूचना जिला प्रशासन के अलावा भाजपा के जिला अध्यक्ष को भी दें, दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा प्रदेश की बागडोर सम्भालते ही तहसीलदारों की बेगार पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि किसी भी तहसीलदार को वीआईपी के आगमन के समय अपनी जेब से जलपान पर खर्च करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए प्रत्येक जिला उपायुक्त के कार्यालय के लिए 2 लाख रुपये की राशि स्वीकृत करवाई गई थी, और ये आदेश अब भी जारी हैं।

इस मौके पर उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक एसएस भोरिया, नगरनिगम आयुक्त निशांत यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद, मेयर रेनू बाला गुप्ता, भाजपा नेता अशोक सुखीजा, सतीश राणा, कविन्द्र राणा भी उपस्थित रहे। ज्ञात रहे कि करनाल तहसील में पीछले काफी समय से भ्रष्टचार का बोल बाला चल रहा था और लोग बेहद ही परेशान थे। आज जैसे ही इसी भनक सीएम मनोहर लाल को लगी तो उन्होंने यहां पर छापामार कार्यवाही को अन्जाम दे दिया।