जयपुर ( ओम एक्सप्रेस )। भारत के प्रसिद्ध धर्म स्थलों में शामिल मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत किशोरपुरी महाराज का रविवार दोपहर जयपुर में निधन हो गया। वे 88 साल के थे। पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर एक सप्ताह पहले ही मेहंदीपुर बालाजी से जयपुर ले जाया गया था। उनका इलाज एटरनल हॉस्पिटल में चल रहा था। उन्होंने रविवार को दोपहर 1 बजे अपने घर पर अंतिम सांस ली। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे उनका पार्थिव शरीर बालाजी पहुंचा। यहां निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सांसद जसकौर मीणा, मंत्री ममता भूपेश ने जताया दुख।

चेस्ट इंफेक्शन था

महंत किशोरपुरी महाराज के निजी सचिव दीपक गुप्ता ने बताया कि महाराजजी चेस्ट इन्फेक्शन समेत कई बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके पार्थिव शरीर को जयपुर से मेहंदीपुर बालाजी लाया जाएगा। वहां संत परंपरा के अनुसार महंत को समाधि दी जाएगी।

बालाजी में शोक की लहर

महंत किशोरपुरी महाराज के निधन की सूचना मिलते ही बालाजी कस्बे में सन्नाटा पसर गया। दर्शनार्थियों के लिए बालाजी मंदिर के पट बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही व्यापारी बाजार की दुकानें भी बंद कर मंदिर परिसर में पहुंच गए हैं। यहां अंतिम दर्शन के लिए लोग इंतजार कर रहे हैं।

55 साल पहले आसीन हुए थे गद्दी पर

सामाजिक कार्यों के लिए अपनी विशेष पहचान रखने वाले महंत किशोरपुरी का जन्म साल 1944 में मेहंदीपुर बालाजी के पास उदयपुरा गांव में हुआ था। बचपन में अपने गुरु गणेशपुरी महाराज से दीक्षा लेने के बाद करीब 55 साल पहले मेहंदीपुर बालाजी के महंत की गद्दी पर आसीन हुए थे। बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष महंत किशोरपुरी ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक स्कूल और पीजी कॉलेज, संस्कृत कॉलेज, आईटी कॉलेज की स्थापना की थी।