केंद्र की मोदी सरकार स्पष्ट करें कि घरेलू गैस सिलेंडर और पेट्रोल के दामों के प्रति उसकी नीति आखिर क्या है?

बीकानेर( ओम एक्सप्रेस)।

देश मे बढ़ते घरेलू गैस सिलेंडर एवं पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आमजन त्रस्त है। पिछले 12 दिनों से लगातार दाम बढ़ रहे हैं। यह मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है।

शहर जिला महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष सुनीता गौड़ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिलहाल UPA सरकार के कार्यकाल के समय से आधी हैं लेकिन घरेलू गैस सिलेंडर एवं पेट्रोल-डीजल की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये एवं डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। जबकि 2014 में यूपीए सरकार के समय पेट्रोल पर सिर्फ 9.20 रुपये एवं डीजल पर महज 3.46 रुपये एक्साइज ड्यूटी थी। मोदी सरकार को आमजन के हित में अविलंब एक्साइज ड्यूटी घटानी चाहिए।

श्रीमती गौड़ ने कहा कि घरेलू गैस सिलेंडर और पेट्रोल के मूल्य में लगातार वृद्धि इस सरकार की नाकामी है। मोदी सरकार ने राज्यों के हिस्से वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी को लगातार घटाया है और अपना खजाना भरने के लिए केवल केन्द्र के हिस्से वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी एवं स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को लगातार बढ़ाया है।

आखिर केंद्र की मोदी सरकार स्पष्ट करें कि घरेलू गैस सिलेंडर और पेट्रोल के दामों के प्रति उसकी नीति आखिर क्या है?

कोविड के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है एवं राज्य का राजस्व घटा है। लेकिन आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले महीने ही वैट में 2% की कटौती की है। मोदी सरकार ऐसी कोई राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोज बढ़ा रही है।