बीकानेर / कविता कंवर राठौड़

आदमी मुसाफिर है आता है जाता है मैं गूंजे रफी के तराने अमन कला केंद्र द्वारा सुरों के बादशाह मोहम्मद रफी की 41वीं पुण्यतिथि के अवसर पर फेसबुक पर लाइव कार्यक्रम पेश कर मोहम्मद रफ़ी को श्रद्धांजलि दी जिसमें संस्था के अध्यक्ष एम रफीक कादरी ने एकल गायन लगभग डेढ़ घंटे तक गीतों की प्रस्तुति देकर रफी साहब को याद किया और रफ़ी साहब को भारत रत्न से सम्मानित करनी की सरकार से गुहार की ।

संस्था के सचिव अनवर अजमेरी ने बताया इस कार्यक्रम में रफी साहब के गाए गीत आदमी मुसाफिर है आता है जाता है आज कल में ढल गया दिन हुआ तमाम कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का मैं हूं आदमी सड़क का सुहानी रात ढल चुकी ना जाने तुम कब आओगे है दुनिया उसी की ज़माना उसी का कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे चौहदवीं का चांद हो या आफताब हो ए यार सुन यारी तेरी डफली वाले डफली बजा तेरे कूचे में तेरा दीवाना जैसे सदाबहार गीत प्रस्तुत कर मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि अर्पित की फेसबुक पर अनगिनत श्रोताओं ने सुनकर वाहवाही लूटी।