– राज्य में अराजकता, असुरक्षा, बेरोजगारी, विकास ठप्प, भ्रष्टाचार का बोलबाला ऊपर से महंगाई की मार
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– सरकार की पहली वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताई सरकार की उपलब्धियां, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने बताई सरकार की विफलताएं !
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✍🏼 तिलक माथुर
केकड़ी_राजस्थान
राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को एक साल पूरा हो गया। इस एक साल में सरकार की कोई विशेष उपलब्धि नहीं है। आज भी राज्य के किसान अपने ऋण माफी को लेकर चक्कर काट रहे हैं, बेरोजगारों को भत्ता मिलने का इंतजार है। महंगाई मुंह फाड़े अपना रूप विकराल करती जा रही है, अर्थव्यवस्था डावांडोल होने के साथ बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। फुटकर व्यापारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। राज्य के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार आमजन का चिढ़ाता नजर आ रहा है।

चारों ओर असुरक्षा अस्थिरता का माहौल है, राज्य की सड़कों की हालत किसी से छिपी नहीं है। राज्य सरकार का खजाना खाली है, सरकार के पास धन के अभाव के चलते गाँवो में विकास ठप्प पड़ा है। ग्रामीणों को रोजमर्रा की मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। कुल मिलाकर कुछ भी सामान्य नहीं है, फिर भी कांग्रेस सरकार पहली सालाना वर्षगांठ पर जश्न मना रही है। बहरहाल, जहां कांग्रेस सालभर की अपनी उपलब्धियों के बारे में बता रही है, वहीं विपक्ष में बैठी भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नाकामयाबियां गिना रही है, लेकिन जनता खामोश है। जनता क्या सोचती है यह तो अगले पंचायत चुनाव में ही नजर आएगा ! राजस्थान में सरकार की पहली वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार का एक साल सफलतापूर्वक पूर्ण रहा है। उनका कहना है कि मैं चाहूंगा कि निरोगी राजस्थान, स्वस्थ राजस्थान का सपना साकार हो और हमारा प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य बने। पहली वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को सौगातें देने की घोषणा की है।

गहलोत ने कहा कि अब किसानों की बिजली के दामों में बढ़ोतरी नहीं होगी। उन्होंने एक हजार करोड़ का कृषक कोष गठित करने की घोषणा भी की। गहलोत ने कहा कि अब 10 हजार हैक्टेयर भूमि तक लेंड यूज चेंज कराने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने अपील की है कि सभी व्यक्ति, महिला, पुरुष, युवा, बुजुर्ग, बालक-बालिका स्वस्थ रहे और प्रदेश के चहुंमुखी विकास में भागीदार बने। गहलोत का मानना है कि संवेदनशीलता के साथ में पारदर्शी होना और जवाबदेह सरकार चलाना अपने-आप में चुनौती होता है, उस चुनौती को हमने स्वीकार किया है और हमारा पूरा प्रयास है कि जन-जन के सहयोग से हम इसमें सफल होंगे। उनका कहना है कि एक वर्ष में हमने विभिन्न क्षेत्रों में जो प्रगति की है, उपलब्धियां रही हैं वे अगले तीन दिन तक आयोजित कार्यक्रमों में देखने को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य का ध्यान रखना सरकार का दायित्व है और अच्छा स्वास्थ्य प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। गहलोत ने सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कहा कि प्रदेशवासियों को मुबारकबाद देना चाहूंगा और विश्वास दिलाना चाहूँगा कि आपकी जो आशाएं-अपेक्षाएं हैं उन पर मैं और मेरे मंत्रिमंडल के सभी साथी, तमाम विधायक और पूरी सरकार आपके साथ मिलेगी, ये हमारा संकल्प है। उधर, कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया का कहना है कि प्रदेश में ऐसा कोई दिन नहीं गया जब समाचार पत्रों में दुष्कर्म, लूटपाट व अन्य वारदातों की खबर नहीं आई हो।

अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से किसान परेशान हैं, चुनाव के दौरान की गई कर्जमाफी के बाद से किसान ऋण माफी को लेकर दफ्तरों के चक्कर पर चक्कर काट रहे हैं। राज्य की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है व बेटियां असुरक्षित हैं, लेकिन अपने वादों से कोसों दूर, दो गुटों में बंटी यह सरकार सफलता पूर्वक अपनी कुर्सियां बचाने के जश्न में डूबी है। डॉ पूनिया का कहना है कि कांग्रेस सरकार भले ही विकास के झूठे दावे कर खुद की पीठ थपथपा रही हो, लेकिन सच्चाई यही है कि इस सरकार ने प्रदेश में विकास की रफ्तार को रोकने के साथ-साथ लोगों को मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित कर दिया है तथा हर कोई खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में किसान, युवा, महिलाएं, व्यापारी तथा कर्मचारी सहित हर वर्ग पिछले एक वर्ष में फैली अराजकता से व्यथित है क्योंकि बिजली, पानी, शिक्षा व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोग खासा परेशान हैं तथा अपराध ने सीमाएं लांघ दी हैं। कांग्रेस सरकार आज अपना एक वर्ष पूर्ण होने का कथित जश्न मना रही है, लेकिन यह जश्न सुशासन का नहीं बल्कि हर मोर्चे पर विफल कांग्रेस सरकार के कुशासन का जश्न है, जिनके लगभग सारे वादे आज प्रदेश की जनता के साथ छलावा ही साबित हुए हैं। डॉ पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत पर उम्र का असर हो रहा है। उन्हें नए नेतृत्व से परहेज है। लंबे राजनीतिक जीवन के बाद उनकी छवि जनता में खलनायक जैसी क्यों है, वह इस पर विचार करें। उनको राजस्थान में तीन बार मुख्यमंत्री का पद हासिल हुआ है लेकिन राजस्थान आज भी पिछड़ा क्यों है ? डॉ पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत इस बार हताश और निराश हैं। खैर अपनी-अपनी बातें हैं बातों का क्या ! वैसे भी राजनीतिक दल एक दूसरे की टांग खिंचाई करते आये हैं, वो धर्म भाजपा भी निभा रही है। मगर भाजपा भी राजस्थान में विपक्ष की भूमिका निभाने में फिसड्डी साबित हुई है। कुल मिलाकर आमजन को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा। कोई भी वर्ग गहलोत सरकार के कार्यों से संतुष्ट नहीं है ! सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे खोखले नजर आ रहे हैं।