जयपुर । राजस्थान से जुड़े सभी हाईवे पर दोपहर 12 से चक्काजाम करना शुरू कर दिया गया था। राजधानी समेत लगभग सभी जिलों में कांग्रेस भी हाईवे पर पहुंच चुकी है। अलवर में किसानों ने हाईवे पर पत्थर और कंंटीली झाड़ियां बिछा दी हैं। जयपुर में ट्रैक्टर लगाकर रास्ते जाम कर दिए हैं। कोटा समेत तमाम शहरों में ट्रैक्टर रैली निकाल कर हाईवे पर लाया गया है। प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने किसानों के इस आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है। ऐसे में कानून व्यवस्था के नाम पर अब पुलिस प्रशासन की ओर से किसानों को न तो हाईवे पर जाने से रोका जा रहा है और न ही किसी प्रकार के जाम को खुलवाने की कवायद की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने शनिवार को तीन घंटे के लिए देशभर में हाईवे जाम का आह्वान किया है। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह से किसान ट्रैक्टर लेकर आ रहे हैं, उससे प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या हो सकती है कि दोपहर 3 बजे बाद से देर शाम तक हाईवे खाली होना मुश्किल ही होगा। ऐसी स्थिति में प्रदेश में लोगों को हाईवे पर निकलना आज उचित नहीं होगा। इधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आदेश देर रात तक प्रदेशभर के सभी नेताओं तक नहीं पहुंचे थे, ऐसी स्थिति में कई हाईवे पर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता तय समय पर नहीं पहुंच सके। जयपुर के अजमेर रोड पर जिन कांग्रेसियों को जिम्मेदारी दी गई थी, वे दोपहर 1 बजे तक नहीं पहुंचे। उनका तर्क था कि देर रात आदेश के बाद तैयारी में वक्त लग गया।

– आवश्यक सेवाएं जाम से मुक्त

तीन घंटे के चक्काजाम से आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया है। एंबुलेंस, स्कूल बस आ जा सकेंगी। आपातकालीन सेवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं को चक्काजाम से छूट रहेगी। अभी तक किसी एंबुलेंस समेत आवश्यक सेवाओं में बाधा आने की कोई सूचना नहीं है।

– यह है प्रदेश के विभिन्न हाईवे की स्थिति

जयपुर के प्रमुख हाईवे को बाहर एंट्री प्वॉइंट्स पर जाम किए जा रहे हैं। सीकर रोड, आगरा रोड, दिल्ली रोड, अजमेर रोड और टोंक रोड पर जाम के कारण वाहनों की लंबी कतार लग चुकी है। हालात ये हैं कि अजमेर रोड पर करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। राजधानी के चारों ओर हाईवे पर इसी तरह ट्रैक्टर लगाकर रास्ते रोक दिए गए हैं। कांग्रेस की ओर से भी पूरा समर्थन इन्हें मिल रहा है। अजमेर रोड पर तो कांग्रेस ने ही रास्ता रोका है। अलवर में शाहजहांपुर बॉर्डर पहले से ही आंदोलन चल रहा है। ऐसे में दिल्ली हाईवे पूरी तरह बंद हो चुका है। इसके अलावा बडौदामेव, तिजारा-भिवाड़ी रोड, अलवर भरतपुर रोड पर बडाैदामेव के पास, खैरथल-कोटपूतली रोड पर बानसूर टोल के पास, ततारपुर चौराहे के पास, मालाखेड़ा से आगे जयपुर-अलवर रोड पर जाम लगा दिया गया है। शाहजहांपुर बॉर्डर पर सुबह साढ़े दस बजे ही सर्विस लेन भी बंद कर दी है, जो तीन बजे बजे तक बंद रहेगी। इसके कारण हाईवे की सर्विस लेन से होकर जाने वाले वाहन गांवों से होकर निकलने लगे हैं। दोपहर 12 बजे से नेशनल हाईवे 48 पर शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर रोड जाम कर दी गई। हाईवे पर कंटीली झाड़ियां और पत्थर बिछाकर किसान विरोध व्यक्त कर रहे हैं। कोटा में इसकी शुरुआत ट्रैक्टर रैली से की गई है। इसमें कोटा सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए हैं। रैली के बाद सीएडी सर्किल ग्राउंड पर सभा होगी। इसे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, विधायक भरत सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेता संबोधित करेंगे। भरतपुर में चक्काजाम के दौरान ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की अगुआई में बहज में किसान महापंचायत होगी। इसे पायलट संबोधित करेंगे। अजमेर में शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से अंबेडकर सर्किल पर किसान आंदोलन के समर्थन में जाम किया गया है। झुंझुन पुरा की ढाणी के आगे टोल बूथ पर किसानों ने लगाया जाम। सीकर-झुंझुनूं में टाेल बूथाें के पास किसानों ने चक्काजाम कर दिया है। वे यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। झुंझुनूं-सीकर मार्ग पर विजयनाई का बास (रघुनाथपुरा), सूरजगढ़ में रघुनाथपुरा टाेल बूथ के पास, चिड़ावा-दिल्ली हाईवे पर गाडाखेड़ा के पास, उदयपुरवाटी में टाेल बूथ के पास चक्काजाम किया जा रहा है। इसे अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया है।

– बीकानेर धरना स्थली बना अम्बेडकर सर्किल

बीकानेर। शहर कांग्रेस में इन दिनों नेताओ व पदाधिकारियों में एक दूसरे में आपसी प्रतिस्पर्धा का दौर चल रहा है। बीकानेर में लोकसभा का चुनाव लड़ चुके व्यक्ति हो या फिर निवर्तमान जिला कांग्रेस, ब्लॉक कांग्रेस अग्रिम संगठनों में युथ कांग्रेस, सेवादल, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई से जुड़े लोग अपनी व्यक्तिगत प्रतिभा को उभारने के लिए जब चाहे तब प्रदर्शन करने, पुतला जलाने का कार्यक्रम रख लेते है। इन आयोजनकर्ताओ को उनके साथ की संख्या से कोई सरोकार नहीं है। इसी का नतीजा है की कांग्रेस के नाम पर होने वाले इन आयोजनों में उपस्थिति 10 से 20 लोगो तक सिमटी रहती है। कभी-कबार यह संख्या 5 से 6 दर्जन लोगो तक का आकंड़ा रह जाता है। अधिकतर कार्यक्रमों में शहर कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति भी नहीं होती है। इस आपसी प्रतिस्पर्धा पर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की पकड़ पर कई सवाल खड़े होते है ?