जयपुर। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (Rajasthan Electricity Regulatory Commission) ने उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस (Standard of performance) में कई नए सेवा सुधार नियम (Service improvement rules) लागू किए है।

इनमें पूर्व निर्धारित शटडाउन अब अधिकतम 7 घंटे का हो सकेगा. शाम 6 बजे के बाद बिजली कटौती (Power cut) नहीं होगी. अगर तय एसओपी के आधार पर सेवा दोष पाया गया तो उपभोक्ताओं को हर्जाना लेने का हक होगा।

– बिजली का करंट अब नहीं देगा झटके

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने जारी की SOPडिस्कॉम और फ्रेंचाइजी होंगे उपभोक्ता के प्रति जवाबदेह सभी कार्यदिवस में हेल्प डेस्क संचालन कर समाधान के होंगे प्रयास6 महीने के भीतर 24 घंटे संचालित कस्टमर केयर सेंटर होगा स्थापित एसओपी पैरामीटर्स और समय सीमा की गई है तयपूर्व निर्धारित शटडाउन अब अधिकतम 7 घंटे का उपभोक्ताओं को सेवा दोष पर मिलेगा हर्जाना शाम 6 बजे के बाद बिजली कटौती नहीं होगी शॉर्ट सर्किट और हैवी वोल्टेज आने पर मिलेगी जुर्माना राशि क्या है नए दक्षता मापदंड का मकसद राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने डिस्कॉम्स और फ्रेंचाइजी के लिए नए दक्षता मापदंड जारी किए हैं. मकसद है बिजली कंपनियों की जबावदेही बढ़ाना और उपभोक्ताओं को नुकसान से बचाना. नए नियमों के तहत अगर हैवी वोल्टेज आने से उपभोक्ताओं को नुकसान होता है तो तय पैरामीटर्स पर राशि का भुगतान करना होगा. इसमें पंखा, टीवी, फ्रीज, कम्प्यूटर और वाशिंग मशीन शामिल है।

राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्रीमत पांडे का कहना है कि नए एसओपी से उपभेाकता हितों को मजबूती मिलेगी. अगर बिजली कंपनियों के सेवा दोष से उपभोक्ताओं को नुकसान होता है तो हर्जाना लेने के हकदार रहेंगे, साथ ही उपभोक्ता सेवा के लिए समय सीमा भी तय की गई है, अगर तय समयावधि में राहत नहीं मिलती है तो पेनल्टी लगेगी

हैवी वोल्टेज से नुकसान तो मिलेगी क्षतिपूर्ति पंखा, ब्लैक एंड व्हाइट टीवी और मिक्सी जलने पर 1000 रुपये रंगीन टीवी, सेमी ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन और फ्रीज के नुकसान पर 2000 रुपये फुली ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन, कम्प्यूटर और एसी के नुकसान पर 4000 रुपये राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी SOP से डिस्कॉम और फ्रेंचाइजी उपभोक्ता के प्रति जवाबदेह होंगे. सभी कार्यदिवस में हेल्प डेस्क संचालन कर समाधान के प्रयास किए जाएगें, 6 महिने के भीतर 24 घंटे संचालित कस्टमर केयर सेंटर स्थापित होगा. एसओपी में पैरामीटर्स और समय सीमा तय की गई है. बिलों के वितरण, कनेक्शन जोड़ने, ट्रांसफार्मर खराब होने, अंडरलाइन केबल के खराब होने सहित अन्य कार्यो में होने वाली देरी के लिए राहत मिलेगी. उपभोक्ताओं से जुड़ी शिकायतों का समाधान भी तय समय सीमा में पूरी करनी होगी।