-मुकेश पूनिया
बीकनेर। मध्य प्रदेश सरकार के संकट को भांपते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पूरी तरह सतकर्ता बरतने को मजबूर हो गये है। हालांकि फिलहाल सीएम गहलोत मध्य प्रदेश सरकार के लिये संकट मोचक बने हुए है,लेकिन वह राजस्थान में खतरें को पूरी तरह भांप चुके है,इसके चलते उन्होने अपनी सत्ता के लिये खतरा बनने वाले कांग्रेस विधायकोंं पर निगरानी बढा दी और सचिन पायलेट की लॉबी के नेताओं गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सियासी सूत्रों की मानें तो बचाव ही उपचार के पैटर्न पर काम कर रहे सीएम गहलोत सत्ता पर आने वाले किसी भी खतरें से निपटने की मोर्चाबंदी तहत मंत्री मंडल में विस्तार और राजनेतिक नियुक्ति का शगूफा भी छेड़ दिया है। इधर राजनैतिक विश्लेषकों की मानें तो मध्य प्रदेश की भांति राजस्थान की सत्ता में भी हालात कुछ ठीक नहीं है,यहां सत्ता का तख्ता पलटने के लिये बड़ा सियासी खेल हो सकता है। मध्य प्रदेश में जहां कांग्रेस की युवा लॉबी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिधिंया ने कमलनाथ सरकार को चुनौति दी है,वैसे ही यहां राजस्थान में भी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट गहलोत सरकार को कई मौकों पर चुनौति दे चुके है। माना जा रहा है कि अगर राज्यसभा चुनावों में राजस्थान के तीन पदों के लिये सचिन पायलेट की लॉबी से जुड़े चेहरों को उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो राजस्थान में भी मध्य प्रदेश सरीखें हालत कायम हो सकते है। यह भी खबर है कि पायलेट के अलावा राजस्थान की जाट और ब्राह्मण लॉबी के कांग्रेसी नेता भी गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी में पर्दे के पीछे काम कर रहे है। पता चला है सियासी चुनौति से निपटने के लिये सीएम गहलोत ने विरोधी लॉबी के मंत्रियों,विधायकों और नेताओं गतिविधियों पर निगरानी का जिम्मा अपनी लॉबी के खास मंत्रियों और नेताओं को सौंप रखा है। कांग्रेस विधायकों के अलावा पार्टी के उन नेताओं पर भी कड़ी निगाहबानी की जा रही है,जो सत्ता के खिलाफ माहौल को हवा दे सकते है। इतना ही नहीं भाजपा रणनीतिकारों की सियासी गतिविधियों पर भी पूरी निगाह रखी जा रही है।

सीएम लगातार कर रहे सत्ता की मजबुती का दावा
राजस्थान की सत्ता पर मंडराते खतरे को लेकर आ रही खबरों को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत भी लगातार दावा कर रहे है कि पूर्ण बहुमत वाली हमारी सरकार मजबुती के साथ अपना शासनकाल पूरा करेगी। जबकि इस मामले में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे है। जबकि भाजपा लॉबी के नेता आग में घी डालने के लिये मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान की सत्ता भी खतरें में बता रहे है। भाजपा लॉबी से जुड़े नेताओं की मानें तो सत्तारूढ कांग्रेस में दो दर्जन से ज्यादा विधायक असंतुष्ट है,जिन्हे मौका मिलते ही वह भाजपा के इशारे पर बड़ा खेल कर सकते है।