जयपुर। कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन राजस्थान में भी जोर पकड़े हुआ है। इसी क्रम में संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को और गति देते हुए चार दिन के कार्यक्रमों की घोषणा की है। आगामी रुपरेखा के तहत कल से राजस्थान के सभी टोल नाकों को टोल मुक्त किया जाना तय हुआ है। इनके अलावा पुलवामा शहीदों की याद में कैंडल मार्च, किसान नेता सर छोटूराम जयंती पर किसान एकजुटता कार्यक्रम और रेलें रोककर प्रदर्शन भी शामिल किये गए हैं।
शुरुआत किसान बहुल क्षेत्रों के टोल नाकों से
मोर्चा ने भले ही सम्पूर्ण राजस्थान में कल से टोल नाकों को टोल मुक्त करने का एलान कर दिया है, लेकिन पदाधिकारियों का कहना है कि शुरूआती चरण में प्रदेश के किसान बहुल क्षेत्रों से जुड़े टोल नाकों को टोल मुक्त करवाने की कवायद की जायेगी।मोर्चा से जुड़े राजस्थान के किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि कल से सीकर, गंगानगर और हनुमानगढ़ सहित अन्य किसान बहुल क्षेत्रों में बने टोल नाकों को मुक्त किये जाने की कोशिश रहेगी।
शांतिपूर्ण रहेगा आंदोलन जोर-ज़बरदस्ती नहीं
किसान नेता हिम्मत सिंह ने दावा किया है कि प्रदेश में किसान आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा। नाकों पर पहुंचकर आंदोलनकारी किसान सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से टोल नाकों को टोल फ्री किये जाने की कोशिश करेंगे। जबरन टोल नाकों को टोल मुक्त नहीं किया जाएगा।

किसान नेताओं को दी गई जि़म्मेदारी
किसान नेता हिम्मत सिंह ने बताया कि शाहजहांपुर बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में राजस्थान के विभिन्न संगठनों के किसान नेता और बड़ी संख्या में किसान मौजूद हैं। इन सभी संगठनों और नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर टोल नाकों को टोल मुक्त करने की जि़म्मेदारी दी गई है।
उन्होंने बताया कि शुरूआती चरण में कुछ नाकों को टोल मुक्त किया जाएगा। जबकि शेष नाकों पर धरना-प्रदर्शन कर कृषि कानून का विरोध किया जाएगा। इस बीच किसान आंदोलन को समर्थन देने की अपील और समझाइश भी लोगों से की जायेगी।
ये रहेंगे किसान आंदोलन के आगामी कार्यक्रम
– 12 फरवरी- राजस्थान के भी सभी रोड टोल प्लाजा को टोल मुक्त करवाया जाएगा।
– 14 फरवरी- पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस व अन्य कार्यक्रम