जयपुर / पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भामाशाह कार्ड और केंद्र की माैजूदा मोदी सरकार के वित्तीय लाभ की योजनाओं को आधार से जोड़ने जैसी प्रक्रिया को समाहित करते हुए राज्य में एक नंबर-एक कार्ड, एक पहचान के रूप में 10 अंकों का जन-आधार कार्ड जारी करने की तैयारी है। संभवत: गहलाेत सरकार की पहली वर्षगांठ पर यह लागू किया जा सकता है।

दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में राजस्थान जन-आधार योजना लाने की बात कही थी। अब आयोजना विभाग ने सभी विभागों को इसे लागू करने के लिए गाइड लाइन भेज दी है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को 10 अंक की परिवार पहचान संख्या वाला जन-आधार कार्ड दिया जाएगा। परिवार में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला को मुखिया बनाया जाएगा। महिला नहीं है तो 21 वर्ष या इससे अधिक आयु का पुरुष मुखिया होगा। राशन कार्ड व आयुष्मान कार्ड की जगह यह बहुद्देशीय कार्ड ही काम आएगा। राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली राशि भी इस कार्ड से मुखिया के बैंक खाते में आएगी।

व्यक्तिगत नकद लाभ के मामलों में यदि लाभार्थी का बैंक खाता नहीं है तो परिवार के मुखिया के बैंक खाते में वह राशि जमा कर दी जाएगी। अभी केंद्र सरकार 12 अंकों का आधार कार्ड जारी करती है। जनअाधार कार्ड की सेवाओं को ई-मित्र से ही संचालित किया जाएगा। इसके लिए ई-मित्र परियोजना का विस्तार होगा। परिवार को अलग-अलग विभागों की एप्लीकेशन से मिलने वाली सेवाओं को जन-आधार पोर्टल से जोड़कर एकीकृत किया जाएगा। इन एप्लीकेशन से जन-आधार परिवार पहचान संख्या से ही योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। जन-आधार पंजीयन के साथ जन्म-मृत्यु, विवाह व आधार पंजीयन आपस में जोड़ दिए जाएंगे।