– हाई कोर्ट व राज्य सरकार के निर्णय निर्देष स्थगन गये भाड़ में

– खूंटी पर टांग दिया बीकानेर का जोनल डवलपमेंट प्लान

बीकानेर। (ओम एक्सप्रेस )बीकानेर मास्टर प्लान 2023 में वरिष्ठ नगर नियोजक कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 22.09.2020 से भू-उपयोग परिवर्तन पर आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं, जिसकी समय सीमा एक माह 22.10.2020 को पूरी हो रही है। इस अधिसूचना के जरिये व्यापक जनहित में भू-उपयोग परिवर्तन नहीं किया जाकर, व्यक्ति विषेश/एक भू कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन किया जा रहा है। इसमें राजस्व ग्राम शहर नथानिया, करमीसर, सुजानदेसर, भीनासर की गोचर भूमि के बड़े भू-भाग तथा ग्राम किसमीदेसर में एक रसूखदार भू-कारोबारी की भूमि को मिश्रित भू-उपयोग आवासीय व व्यवसायिक किया जाना प्रस्तावित किया है। जो राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 12.जनवरी .2017 के निर्णय में दिये गये निर्देषों की अवमानना की श्रेणी में है। रेल फाटकों के सबन्ध वमें दायर रिट याचिका 443/2014 में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 06.09.2018 को स्थगन आदेश जारी किया हुआ है और रेल बाई पास या ऐलीवेटेड रोड़ किसी के लिए कोई भूमि अवाप्ति नहीं की जा रही है। जबकि नगर नियोजन विभाग की अधिसूचना में रेल बाई पास के लिए रेलवे द्वारा भूमि अवाप्ति को आधार बनाकर भू-उपयोग परिवर्तन की कवायद की जा रही है। नगरीय विकास समिति के आव्हान पर बीकानेर शहर के 400 से अधिक प्रबुद्ध नागरिकों, वरिठ अधिवक्ताओं, उद्योगपतियों, पत्रकारों, समाज सेवकों, जननेताओं, गौ-सेवकों, साधु-संतों, बीकानेर गौ-शाला समिति,शहर नथानिया गोचर बचाओं समिति, भीनासर गोचर समिति सहित अनेक संस्थाओं ने वरिष्ठ नगर नियोजक कार्यालय में आपतियां दर्ज कराई हैं। आपतियों की प्रतियां मु य न्यायाधीष राजस्थान उच्च न्यायालय, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नगरीय विकास मंत्री, मु य नगर नियोजक, मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग, जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष नगर विकास न्यास, बीकानेर, संभागीय आयुक्त, बीकानेर को दी गई हैं।

नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त षासन विभाग के 4 अप्रेल 2019 के आदेशा नुसार राज्य सरकार द्वारा राज्य के समस्त नगरीय क्षेत्रों हेतु लागू मास्टर प्लान क्षेत्र के क्षेत्रों में समिलित नगरीय व कृषि भूमि के जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार किये जाने का निर्णय लिया गया। इस आदेष में माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका 1554/2004 गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में जोनल डवलपमेंट के संबंध में निर्णय दिनांक 12.01.2017 के बिन्दु संख्या एक से तीन का हवाला दिया गया है। मास्टर डवलपमेंट प्लान बनाते समय ध्यान रखें कि मास्टर प्लान इको सेंसेटिव जोन, इकोलोजिकल जोन, ग्रीन एरिया, पेराफेरियल बेल्ट, प्राकृतिक सेनेरी, षहरी वन क्षेत्र, वाईल्ड लाईफ, प्राकृतिक संसाधन व लैण्डस्केपिंग क्षेत्र की भूमि यथा आवासीय, वाणिज्यक, औद्योगिक, संस्थानिक, सांस्कृतिक कॉ पलेक्सेज, पर्यटन कॉ पलेक्सेज, खुला क्षेत्र, बगीचे, ए युजमेंट पाकर््स, जूलोजिकल गार्डन्स, पशु सेन्चुरीज, डेयरी हैल्थ रिसोर्टस आदि को सुरक्षित, संरक्षित करने का दस्तावेज होगा। प्रत्येक जोन में जन-आवास, जन-कार्य व सुविधाऐं, सड़कें, आवासीय, व्यवसायिक मार्केट, औद्योगिक क्षेत्र, पार्क, स्कूल्स, पब्लिक व निजी खुले क्षेत्रों का अन्तिम भू-उपयोग विषेषीकृत सुस्पष्ट दिखाया जाना चाहिए। तीसरे बिन्दु में कहा गया कि एक बार मास्टर डवलपमेंट प्लान या जोनल डवलपमेंट प्लान अन्तिम रुप से स्वीकृत हो जाने के बाद स्थानीय निकाय या निजि संस्था द्वारा विकास कार्य जोनल डवलपमेंट प्लान के तहत ही करेंगे। उक्त आदेष के तहत जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार किये जाने की क्रियान्विति भी निर्धारित की गई थी। इसके लिए प्रत्येक निकाय क्षेत्र की जोन सीमा का परिसीमन कर आगामी कार्यवाही की जानी थी। जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए 10 चरणों में कुल 275 दिनों की समयावधि में जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार करने के आदेश दिये गये थे। इसके तहत पूरे राजस्थान के अधिकतम नगर निकायों के जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार किये जाकर राज्य सरकार से स्वीकृत हो चुके हैं। बीकानेर मास्टर प्लान क्षेत्र में पांच जोन बनाये गये। नगर विकास न्यास, बीकानेर ने वेपकोस से 13.07.2018 को ऑफर लेटर लेकर दो जोन का सर्वे का काम सौंपा लेकिन बाद में 27.09.2018 को जोन बी व वाई में 7200 एकड़ क्षेत्र में ही सर्वे के आदेष निकाले और उक्त सर्वे के बाद जोनल डवलपमेंट प्लान का काम रोक दिया गया।

माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय व राज्य सरकार के निर्णय, निर्देष व आदेष गये भाड़ में। वरिष्ठ नगर नियोजक राकेष मातवा व युआईटी सचिव मेघराज मीणा ने उससे उपर उठ कर मंत्री व उच्चाधिकारियों को गुमराह करके बीकानेर के जोनल डवलपमेंट प्लान को खूंटी पर टांग दिया, विकास के काम को रोक दिया। जबकि राजस्व ग्राम किषमीदेसर में एक रसूखदार भू-कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए बीकानेर के राजस्व ग्राम षरह नथानिया, सुजानदेसर व भीनासर की गोचर भूमि के बड़े भू भाग का भू-उपयोग मिश्रण भू-उपयोग ;आवासीय व व्यवसायिकद्ध किया जा रहा हैं। जबकि वर्ष 2002 में लागू बीकानेर मास्टर प्लान-2023 में वर्ष 2008 में 10 और गांव शामिल करने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा गोचर, ओरण, तालाब, जोहड पायतन को संरक्षित करते हुए बीकानेर के नगरीयकरण योग्य क्षेत्र को नहीं बढाया गया।