बिहार(सुपौल)-ओमएक्सप्रेस ब्यूरों-जिले के त्रिवेणीगंज में अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण गुरुवार को प्रखंड कार्यालय के समीप प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को लॉकडाउन में देवदूत बने एसडीओ विनय कुमार सिंह ने अपनी वाहन से अस्पताल पहुंचाया पीड़िता के अस्पताल पहुंचने के तकरीबन एक घंटे बाद प्रसव पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया है। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ होने के कारण अस्पताल प्रशासन उसे घर भेज दिया। लेकिन शनिवार को फरिश्ता बन एसडीओ विनय कुमार सिंह प्रसूति पीड़िता के घर मिरजावा गांव में पहुंच 21 सौ रुपये नकद ,खाद्यान्न और वस्त्र देकर उसकी आर्थिक मदद की है। प्रसूति महादलित परिवार से आती है।प्रसूति महिला के पति प्रवासी मजदूर है जो कि इस लॉकडॉउन के समय पंजाब में फंसे हुए है।

पीड़िता की माली हालत भी अच्छी नहीं है। पीड़ित प्रसूति महिला इस समय मायके में है।गौरतलब हो कि प्रखंड क्षेत्र के पिलुवाहा वार्ड नंबर 4 निवासी सचेन्द्र सादा की 26 वर्षीय पत्नी विनीता देवी प्रसव पीड़ा होने के बाद बुधवार की अहले सुबह परिजनों ने अनुमंडलीय में भर्ती कराया। लेकिन गुरुबार की शाम करीब पांच बजे अस्पताल कर्मियों ने परिजनों को दो, तीन दिन में प्रसव होने की बात बताकर पैदल ही घर जाने को दे दिया।जब परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से एम्बुलेंस की मांग की तो, अस्पताल प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस नहीं दिया गया। मजबूर परिजनों ने अस्पताल से प्रसव पीड़िता को लेकर पैदल ही घर की ओर निकल पड़े, लेकिन जैसे ही करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर ब्लॉक के पास पहुचीं तो प्रसव पीड़िता को प्रसव पीड़ा होने लगा, दर्द इतना हो रहा था की पीड़िता दर्द से सड़क किनारे बिलख रहीं थी, पीड़िता की दर्द को देख साथ मे आए महिला परिजनों की आंखे भी आँसू से डबडबा रहीं थी, इसकी सूचना जैसे ही जांबाज अनुमंडल पदाधिकारी विनय कुमार सिंह को मिली उन्होंने आनन-फानन में अपनी वाहन से अनुमंडलीय अस्पताल पहुँचाया।