जयपुर, 13 अगस्त। राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र से पहले गुरुवार को (13 अगस्त) को सचिन पायलट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचे। पिछले एक महीने से राजस्थान में जारी सियासी संकट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी यह पहली मुलाकात हुयी । इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने प्रेस के सामने मुलाकात के दौरान पहले मुस्कुराए और फिर एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाया।

एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन नाराज विधायकों की वापसी के बाद बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए गुरुवार शाम को बैठक सुरक्षात्मक रणनीति के तहत बुलाई गई।

उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट एवं कांग्रेस के 18 अन्य विधायक मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व से कथित तौर पर नाराज थे और वे सोमवार (10 अगस्त) को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के लगभग एक महीने बाद जयपुर लौटे हैं। राजस्थान में लगभग एक महीने से जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच विधानसभा का सत्र शुक्रवार (14 अगस्त) से शुरू हो रहा है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने हाल ही में ट्वीट किया था, “विधानसभा सत्र 14 अगस्त से शुरू हो रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि सत्र के दौरान राज्य में कोरोना वायरस के हालात और लॉकडाउन के बाद पैदा हुए आर्थिक स्थिति पर खुलकर चर्चा होगी। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि बेहतर शासन के लिए सत्तारूढ़ दलों के साथ ही विपक्षी खेमे का भी साथ मिलेगा और यह राज्य की जनता में एक नया विश्वास जगाएगी।”

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों को ”भूल जाओ और माफ करो” की भावना के साथ लोकतंत्र बचाने की लड़ाई में लगना होगा। गहलोत ने ट्वीट किया, ”कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकतंत्र को बचाने की है। पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी मतभेद हुआ है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें भुलाना होगा और माफ करके आगे बढ़ने की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में लगना है।”