धरना दे रहे विद्यार्थियों के साथ सिरे नहीं चढ़ पाए बातचीत के प्रयास, मंच पर बना धक्का मुक्की का माहौल
सितंबर 23, 2019

झज्जर से अनूप कुमार सैनी की रिपोर्ट

झज्जर – वर्ल्ड मेडिकल कालेज के छात्र और छात्राओं ने अपनी मांगों एवं समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री, पीजीआईएमएस, रोहतक के कुलपति, हरियाणा के मंत्रियों, उपायुक्त, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से उन्हें न्याय दिलाने के लिए गुहार लगा चुके हैं। यहां तक कि इच्छा मृत्यु की इजाजत भी मांग चुके हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।
वर्ल्ड मेडिकल कालेज के छात्र और छात्राएं झज्जर के श्रीराम पार्क में पिछले करीब 23 दिनों से धरने पर बैठे हैं। इनकी समस्याओं व मांगों के प्रति खट्टर सरकार का रवैया बेहद उपेक्षा पूर्ण होने के चलते विद्यार्थियों का धैर्य खोता जा रहा है।

कारण स्पष्ट है कि इनकी समस्याओं व मांगों को हल करने हेतु खट्टर सरकार पहले ही कोई रूचि नहीं ले रही थी। किन्तु हरियाणा के राज्यपाल ने जब इसके लिए कमेटी गठित की तो वर्ल्ड मेडिकल कालेज के छात्र और छात्राओं को आस जगी थी कि अब उनकी मांगे पूरी हो जाएंगी।

हालांकि राज्यपाल द्वारा गठित कमेटी के उनकी मांगों को एक सप्ताह के भीतर हल करने का आश्वासन मिलने के बाद वर्ल्ड मेडिकल कालेज के छात्र और छात्राओं ने अपना आमरण अनशन तो समाप्त कर दिया था लेकिन उन्होंने मांगे पूरी न होने तक अपना धरना जारी रहने का ऐलान किया था। परन्तु राज्यपाल द्वारा गठित कमेटी भी इस मामले में नाकाम साबित हुई।

राज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की नाकामी के बाद इन विद्यार्थियों ने अब दिल्ली में देश के गृहमंत्री अमित शाह के यहां न्याय की गुहार लगाई। यहां भी इन्हें जल्द उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिला है, यह भविष्य के गर्भ में है कि केंद्रीय गृहमंत्री इनकी समस्याओं को कब तक हल कर पाएंगे।
विद्यार्थियों का कहना था कि हर विद्यार्थी 20 से 30 लाख रुपए फीस भर चुका है परंतु कालेज को अभी तक मैडिकल कांऊसिल ऑफ इंडिया की तरफ से मान्यता नहीं मिली है। इससे विद्यार्थियों की डिग्री पर प्रश्र चिह्न लग गया है, जिसकी चिंता में वे आंदोलनरत हैं।
वर्ल्ड मेडिकल कालेज के छात्र और छात्राओं की आशंका सही साबित हुई कि राज्यपाल द्वारा एसीएस हैल्थ एजूकेशन एंड रिसर्च अमित झा के नेतृत्व में गठित कमेटी उनकी मांगों को पूरा करने का हल करने की जगह उनका आमरण अनशन समाप्त करना भर था। छात्र- छात्राओं को एक सप्ताह के भीतर दूसरे मैडिकल संस्थान में भेजने का पक्का आश्वासन दिया था किन्तु 15 दिन बीत जाने के बावजूद कुछ नहीं हुआ।
झज्जर जिले के गांव गिरावड़ में स्थित वर्ल्ड मेडिकल संस्थान के प्रबंधकों के खिलाफ आंदोलन करते हुए राष्ट्रपति से इच्छा-मृत्यु की इजाजत मांग रहे विद्यार्थियों से मुलाकात करने के लिए पहुंचे हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ द्वारा भूख हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास सिरे नहीं चढ़ पाया है।
हालांकि पहले मंत्री ने विद्यार्थियों की जायज मांगों का जल्द पूरा कराने का आश्वासन दिया परन्तु आन्दोलनरत विद्यार्थियों ने मंत्री से लिखित में देने को कहा, बस यहीं बात बिगड़ गई। इसी दौरान छात्राओं ने भी मंत्री के सुरक्षा कर्मियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगा दिया, जिसके बाद पूरा माहौल ही बदल गया। आन्दोलनरत विद्यार्थियों के साथ मंत्री व विद्यार्थियों के बीच धक्का मुक्की हो चुकी है। उस समय मंत्री व उनके सुरक्षा कर्मियों को बमुश्किल निकाला गया।
अपने साथियों की तबीयत बिगड़ने के कारण परेशान हुए विद्यार्थियों ने वहां आपा खो विद्यार्थियों ने मंच से मंत्री व सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की थी। हालांकि मंत्री धनखड़ ने मेडिकल संस्थान के विद्यार्थियों को हर संभव मदद करने की बात कहते हुए वहां से वापस लौट गए।
आन्दोलनरत विद्यार्थियों ने अपनी मांग को पूरा करवाने के लिए कैंडल मार्च निकाल चुके हैं। मुख्यमंत्री खट्टर की शव यात्रा निकाल उनका पुतला भी फूंकते अपना विरोध जता रहे चुके हैं। विद्यार्थियों ने आमजन का समर्थन जुटाने के लिए दिन में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया।
वर्ल्ड मेडिकल कालेज की छात्रा कोमल आकड़ा ने बताया कि इस कालेज में छात्रों का दाखिला हुए तीन साल के करीब हो चुके हैं। उन्हें पं. श्री राम पार्क में अनशन करते हुए 20 दिन से अधिक हो चुके हैं। हमारे कालेज में पिछले 3 साल से कोई पढ़ाई नहीं हो रही है। हमारे कालेज में न तो टीचर हैं, न ही मरीज और न ही डाक्टर हैं। यहां कुछ भी सुविधा नहीं है। उनका कलीनिकल प्रोफेशन है लेकिन इसके बावजूद यहां न तो ओपीडी है, न मरीज हैं। इसी कारण वे हड़ताल पर हैं। कहीं भी सुनवाई न होने के कारण हमने सुविधाओं को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में केस भी कर रखा है।
अपनी मांगों को लेकर हम डीसी, पीजीआईएमएस के कुलपति, डीएमईआर, एसीएस, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मिले हैं। हम सुविधाओं के लिए वर्ल्ड मेडिकल कालेज के चेयरमैन से भी कई बार मिलने की कोशिश की लेकिन वे छात्रों से मिलते ही नहीं हैं। एक बार उनसे मिलने मैनेजमेंट के लोग भी आए थे और उन्होंने उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। हमने अपनी मांगों को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन किया। कैंडल मार्च भी निकाला और पुतले भी फूंके हैं लेकिन हमें न्याय नहीं मिला।

वर्ल्ड मेडिकल कालेज के छात्र अंकित यादव ने बताया कि कहीं से भी न्याय न मिलने के कारण हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गत 19 सितम्बर को उनके निवास पर गए थे। वहां उनके ज्वाईंट सैकेट्री से करीब पौना घण्टा बात हुई थी। उन्होंने हमें एक सप्ताह में हमारी मांगों का हल करने का आश्वासन दिया था। फिलहाल कोई हल नहीं निकला है। राज्यपाल ने भी कमेटी भेजी थी। यहां लघु सचिवालय में करीब 4 घंटे बात हुई थी। हमने सबूतों के साथ सारी समस्याएं उनके समक्ष रखी थी। उन्होंने हम सभी विद्यार्थियों को एक सप्ताह में शिफ्टिंग करने का आश्वासन दिया था लेकिन जब उनकी रिपोर्ट आई तो सारी रिपोर्ट कालेज मैनेजमेंट के पक्ष में थी।

वर्ल्ड मेडिकल कालेज की छात्रा योगिता ने बताया कि राज्यपाल द्वारा गठित जो कमेटी आई थी। करीब 5 घंटे चली मीटिंग मेंहमारे जो फैक्ट थे, वे प्रूव हुए कि वर्ल्ड मेडिकल कालेज हर तरीक़े से डिसएपिसैंट है। कमेटी ने माना था कि वर्ल्ड मेडिकल कालेज में कोई भी एमबीबीएस बैच चलने की हालत में नहीं है। कमेटी ने सम विद्यार्थियों की एक सप्ताह में शिफ्टिंग करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने इस आश्वासन पर आमरण अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया था। 12 सितम्बर को समने आमरण अनशन समाप्त भी कर दिया था। लेकिन आज तक उस कमेटी ने हमारी मांगों पर कोई एक्शन नहीं लिया। कहीं न कहीं ऐसा प्रतीत होता है कि जो कमेटी गठित की गई थी, वह हमारा आमरण अनशन तुड़वाने हेतु गठित की गई थी

उन्होंने बताया कि हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ यहां आए थे। आते ही उन्होंने हमें धरनास्थल से उठ कर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि आप यहां प्रोटेस्ट नहीं कर सकते हो।उन्होंने तो हमें आतंकवादी तक बोल दिया था। आप हमारी शक्ल देखिए, क्या हम आतंकवादी नजर आते हैं। जब हम नहीं माने तो उनके साथ आए पुरुष सुरक्षा कर्मियों ने छात्राओं के साथ धक्का मुक्की की। हमें डराया धमकाया गया। बाद में उनको यहां से जाना पड़ा।
छात्रा योगिता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आप कालेज में जाकर देख सकते हैं कि वहां कितने स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं। चेयरमैन साफ झूठ बोल रहे हैं कि सिर्फ 20-25 स्टूडेंट ही हड़ताल कर रहे हैं। आप स्वयं वहां जाकर सच्चाई का पता लगा सकते हैं। पूरा हास्टल, कालेज खाली पड़ा है। वर्ल्ड मेडिकल कालेज द्वारा झज्जर के सिविल अस्पताल के साथ मरीजों को लेकर टाईअप करने के बारे पूछे एक सवाल पर छात्रा का कहना था कि पहले भी कालेज प्रबंधन ने टाईअप कर चुके हैं लेकिन कालेज प्रबंधन स्वयं ही इसे तोड़ देते हैं।

छात्रा का कहना था कि आखिर कालेज प्रबंधन को सिविल अस्पताल के साथ टाईअप की जरूरत ही क्यों पड़ी? इससे साबित होता है कि वर्ल्ड मेडिकल कालेज डिस एपिसैंट है। जो बात हम बोल रहे थे, वह खुद ही प्रुव होने लगी। वैसे भी 150 स्टूडेंट के लिए जो तृतीय वर्ष में पढ़ रहे हैं, एमसीआई के नोर्म्स के हिसाब से 600 बैड के अस्पताल की जरूरत है जबकि सिविल अस्पताल महज 100 बैड का अस्पताल ही है। असल में वर्ल्ड मेडिकल कालेज का टाईअप एमसीआई के नोर्म्स के खिलाफ है क्योंकि अस्पताल कालेज परिसर में ही होना चाहिए। हमारी डिग्री भी मान्य नहीं है।

विद्यार्थियों द्वारा दिए जा रहे धरने में अभिभावकों ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ी उम्मीद के साथ उन्होंने सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान में बच्चों का प्रवेश दिलाया था, आज जब दिक्कत आ रही है तो सरकार किसी भी जगह पर दिख नहीं रही। जो कि उचित नहीं है। अभिभावकों ने यहां सरकार एवं प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उनके बच्चों के साथ न्याय किया जाए।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. रघुबीर सिंह कादियान, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक धनखड़ सहित अन्य ने भी धरने पर पहुंच कर उनकी बात सुनी है। विधायक कादियान ने कहा कि बच्चों की मांग के लिए सरकार को बेशक ही जल्द कदम उठाना चाहिए। सरकार की नीतियों के कारण स्थिति ऐसी बन गई है कि भावी चिकित्सकों को इस तरह से अपने करियर की शुरूआत करनी पड़ रही है।