दिल्ली के लालकिला मैदान में हर वर्ष मंचन होने वाली विश्व प्रसिद्ध “लव-कुश” रामलीला में थियेटर व अभिनय की दुनिया का एक कलाकार उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है। रामलीला में इस वर्ष लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले मोहित त्यागी वैसे तो मूल रूप से जनपद बुलंदशहर के भटौला गांव के निवासी हैं, लेकिन वो गाजियाबाद के वसुंधरा में पिछले 20 वर्षों से निवास करते हैं। मोहित त्यागी थियेटर, फिल्म व सीरियलों में अभिनय के अलावा पिछले कई वर्षों से रामलीला मंचन जैसे धार्मिक कार्यक्रमों में लगातार अभिनय करते रहे है। पूर्व में भी वो लव-कुश रामलीला में भगवान शिव का किरदार निभा चुकें हैं।

रामलीला में अभिनय क्यों :- मोहित त्यागी का कहना है कि अभिनय मेरी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। थियेटर मुझे जीवन में हर पल सीखते रहने का मौका देते हुए नयी उर्जा व सुकून देता है। इससे मेरी जिंदगी में एक नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उसी के चलते मैं पिछले कई वर्षों लव-कुश रामलीला में किरदार निभाता हूँ। रामलीला में अभिनय करना मेरे लिए या किसी भी अन्य कलाकार के लिए बहुत ही गर्व की बात हैं। जिसके लिए में लव-कुश रामलीला कमेटी के प्रबंधन का बहुत आभारी हूँ।

पारवारिक पृष्ठभूमि :- मध्यवर्गीय किसान परिवार में पैदा हुए मोहित त्यागी, जनपद बुलंदशहर के भटौला गांव के मूलनिवासी चौधरी श्री महेंद्र सिंह त्यागी व श्रीमती राजिन्द्री देवी की चार सपुत्रों में तीसरे नम्बर की संतान हैं। अभिनेता मोहित त्यागी बचपन से ही कुछ बड़ा करके अपने माता-पिता घर परिवार वालों बाबा स्वर्गीय चौधरी रणवीर सिंह त्यागी व दादी स्वर्गीय श्रीमती प्रकाशवती देवी का नाम रोशन करना चाहते थे।
उस बड़ा करने की चाह ने ही पढ़ाई खत्म होने के बाद उनकी दिलचस्पी एक्टिंग के क्षेत्र में करवाई। उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें इसी क्षेत्र में कुछ बड़ा करके परिवार व प्रदेश का नाम रोशन करना है। इसके लिए अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उन्होंने दिनरात कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी।

अभिनय के क्षेत्र में लम्बे संघर्ष की दास्तान :- अभिनय के क्षेत्र में आने के लिए मोहित त्यागी ने वर्ष 2003 में अपना फोटोशूट करवा कर भेजने शुरू किया।साथ ही अभिनय सीखने के लिए मोहित ने अपने अंदर छिपे एक्टिंग के हुनर को पहचान कर मेहनत से तैयारी करनी शुरू कर दी। इसके लिए उन्होंने मुबंई जाकर अभिनय से संबंधित कोर्स किया और काम की तलशा में स्ट्रगल करने निकल पड़े। मोहित त्यागी को 12 साल के लम्बे स्ट्रगल के बाद पहला ब्रेक फिल्म “तलवार” में मिला, 12 साल के लम्बे स्ट्रगल के पीरियड के दौरान मोहित ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी। समय के साथ उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर अभिनय के इस हुनर को और निखारा। अब वक्त था अपने इस हुनर को लोगों तक पहुंचाने का, जिसके लिए उन्होंने न्यूज चैनलों पर आने वाले क्राइम सीरियल, थियेटर, फिल्म और रामलीला आदि में कार्य करना शुरू कर दिया और आज मोहित त्यागी अपनी मेहनत व लग्न से शुभचिंतकों व प्रसंशकों अनमोल आशिर्वाद और प्यार से कामयाबी की सीढियां दिनप्रतिदिन चढ़ रहे हैं। मोहित त्यागी को 12 वर्ष के लम्बे संघर्ष के बाद वर्ष 2015 में पहला ब्रेक फिल्म “तलवार” में मिला था जिसमें उन्होंने सीआईडी ऑफिसर की भूमिका निभाई थी। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा वो लगातार फिल्मों में काम कर रहे हैं।

कई फिल्मों में किया अभिनय :-
ईश्वर के आशीर्वाद व प्रशंसकों के प्यार से आज अपने टैलेंट के दम पर मोहित त्यागी 25 से अधिक फिल्मों में काम कर चुकें हैं। उनकी फिल्म “कड़वी हवा” को नैशनल अवार्ड तक मिल चुका हैं। उन्होंने फिल्म तलवार, हिंदी मीडियम में पड़ोसी, एसपी चौहान द कॉमन मैन, ब्रजमोहन अमर रहे, चल जा बापू में सब इस्पेक्टर, डियर माया, फिल्म “मजमा” में गांव के लड़के, बेगम जान में गुंडे का किरदार निभा चुकें हैं। फिल्मों , सीरियलों व कई नाटकों में काम कर चुकें हैं ।

संघर्ष से ही कामयाबी का रास्ता निकलता हैं -:
मोहित कहते हैं कि आज जब लोग मेरे काम की प्रशंसा करते हैं तो मुझको उससे काम करने के लिए बहुत ही सकारात्मक उर्जा मिलती है। उस उर्जा के बलबूते ही आज मुझे साइड़ रोल मिल रहे हैं और मुझे भरोसा हैं कि प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से एकदिन जल्दी ही मुझको फिल्मों में मेन लीड़ रोल में काम करने का मौका मिलेगा। मैं जिस भी फिल्म में काम करता हूँ हमेशा अपने सहयोगियों से अपने काम का फीडबैक जरूर लेता हूँ और उसके हिसाब से ही भविष्य में और अधिक मेहनत करता हूँ।
मोहित त्यागी का मानना है कि व्यक्ति को हमेशा सकारात्मक सोच के साथ मेहनत करते रहना चाहिए, अगर सफलता मिलने में देर होती है तो भी बिना निराश हुए अपनी मेहनत लगातार जारी रखनी चाहिए कामयाबी एक दिन अवश्य कदम चूमेगी। मोहित कहते हैं कि “जीवन में मेहनत व संघर्ष से ही कामयाबी का रास्ता निकलता हैं” और यहीं सफलता का सबसे कारगर मंत्र हैं।