बाड़मेर, नवम्बर। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, चातुर्मास समिति, बाड़मेर के तत्वावधान में चल रहे चातुर्मास के अन्तर्गत मंगलवार को स्थानीय आराधना भवन के प्रांगण में परम पूज्य विनयकुशलमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की पावन निश्रा में तीर्थाधिराज शत्रुजंय तीर्थ की भव्य भावायात्रा के साथ वंदना की गई।

श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, चातुर्मास समिति, बाड़मेर के मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि आज ही के दिन कार्तिक पूर्णिमा दिवस पर द्राविड़ व वारिखिल्ल दस करोड़ मुनियों के साथ शत्रुजंय तीर्थ पर आराधना साधना करते हुए मोक्षगामी बने थे। म.सा. ने कहा कि चैदह राजलोकों में एक भी तीर्थ ऐसा नहीं, जिसकी तुलना इस तीर्थ से की जा सके। आराधना भवन के प्रांगण में तीर्थ के पट के सामने उपस्थित जन समुदाय पूज्य गुरुभगवंतों के साथ भक्ति करते हुए तीर्थ की 27 बार खमासमणा देकर व चैत्यवंदन करके वंदना की। इसी के साथ ही चातुर्मास का समापन होता है। आज ही चार माह की स्थिरता के बाद आज ही के दिन गुरुभगवंत स्थान परिर्वतन कर विश्राम करते हैं। यह सौभाग्य मदनलाल सगतमल मालू परिवार कानासर वालों को प्राप्त हुआ। जिन्हें निवास स्थान पर प्रवचन का आयोजन किया गया। बुधवार को प्रातः 8.45 बजे आराधना भवन के प्रांगण में कृतज्ञता ज्ञापन समारोह का आयोजन किया गया है। जिसमें धर्मप्रेमी और गुरुभगवंतों के उपकारों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करेंगे। गुरूवार को प्रातः 5.30 बजे पूज्य गुरुभगवंतों का विहार नाकोड़ा तीर्थ के लिए होगा।